वेद दुनिया के प्रथम धर्मग्रंथ है। वेद ईश्वर द्वारा ऋषियों को सुनाए गए ज्ञान पर आधारित है इसीलिए इसे श्रुति कहा गया है। सामान्य भाषा में वेद का अर्थ होता है ज्ञान। वेद पुरातन ज्ञान विज्ञान का अथाह भंडार है। इसमें मानव की हर समस्या का समाधान है। वेदों में ब्रह्म (ईश्वर), देवता, ब्रह्मांड, ज्योतिष, गणित, रसायन, औषधि, प्रकृति, खगोल, भूगोल, धार्मिक नियम, इतिहास, रीति-रिवाज आदि लगभग सभी विषयों से संबंधित ज्ञान भरा पड़ा है।
वेद के चार विभाग है: ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद।
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शुक्लयजुर्वेद काण्व शाखा
- शुक्लयजुर्वेद काण्व शाखा अध्याय १-५
- शुक्लयजुर्वेद काण्व शाखा अध्याय ६-१०
- शुक्लयजुर्वेद काण्व शाखा अध्याय ११-१५
- शुक्लयजुर्वेद काण्व शाखा अध्याय १६-२०
शुक्लयजुर्वेद माध्यन्दिन संहिता
- शुक्लयजुर्वेद माध्यन्दिन संहिता अध्याय–१-५
- शुक्लयजुर्वेद माध्यन्दिन संहिता अध्याय–६-१०
- शुक्लयजुर्वेद माध्यन्दिन संहिता, अध्याय-११ -१५
- शुक्लयजुर्वेद माध्यन्दिन संहिता:अध्याय-१६-२०
- शुक्लयजुर्वेद माध्यन्दिन संहिता : अध्याय २१ –२५
- शुक्लयजुर्वेद माध्यन्दिन संहिता : अध्याय २६ –३०
- शुक्लयजुर्वेद माध्यन्दिन संहिता: अध्याय ३१- ३५
- शुक्लयजुर्वेद मध्यान्दिन संहिता: अध्याय ३६-४०
शीघ्र आनेवाला है…
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