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गूगल प्ले स्टोर (ज्ञानसंजीवनी मोबाइल एप)
💐।। नमो नारायणाय ।।💐सनातन, संस्कृत, सुविचार, सुसंस्कार को सम्पूर्ण विश्व के जन-जन तक पहुँचाने वाली ज्ञान संजीवनी डिजिटल पत्रिका…
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आचमन एवं पवित्रता क्यों ……..?
सकल सौच करि राम नहावा। सुचि सुजान बट छीर मगावा॥ अनुज सहित सिर जटा बनाए। देखि सुमंत्र नयन जल छाए॥…
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इस श्रावण सोमवार का महत्व
श्रवण मास का महत्व हिन्दू धर्म में विशेष रूप से माना जाता है। यह मास भगवान शिव को समर्पित होता…
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॥शिवस्तुतिः॥
छन्दः- पञ्चचामरम् (शिवताण्डववत्)ककारादारभ्य ज्ञकारान्ता शिवस्तुतिः ( क से लेकर ज्ञ तक प्रत्येक वर्ण से आरम्भ ) लेखकः- आचार्यो विवेककुमारपाण्डेयः [प्रधानाचार्यः- वेदश्रीतपोवनगुरुकुलम्] …
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अर्जुन का शिर किसने काट दिया और जीवित कैसे हुए ??
〰〰🌸〰〰🌸〰〰🌸〰〰🌸〰〰🌸〰〰अर्जुन ने अपने-आपको श्रीकृष्ण को समर्पित कर दिया था| अर्जुन होता हुआ भी, नहीं था, इसलिए कि उसने जो कुछ…
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रामायण से संबंधित विशेष चर्चा
प्रश्न: सुंदरकांड में रावण सहित प्रत्येक राक्षस के घर को मंदिर और विभीषण जी के घर भवन क्यों कहा गया…
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सप्तम भाव को ज्योतिष में महत्वपूर्ण क्यों माना गया है?
सप्तम भाव, कुंडली के इस भाव को वैदिक ज्योतिष में कितना महत्व दिया गया है? सप्तम भाव को ज्योतिष में…
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॥ अथ माण्डुक्योपनिषत् ॥
ॐ इत्येतदक्षरमिदꣳ सर्वं तस्योपव्याख्यानंभूतं भवद् भविष्यदिति सर्वमोङ्कार एवयच्चान्यत् त्रिकालातीतं तदप्योङ्कार एव ॥ १॥सर्वं ह्येतद् ब्रह्मायमात्मा ब्रह्म सोऽयमात्मा चतुष्पात् ॥ २॥जागरितस्थानो…
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वैद्यनाथाष्टकम्
श्रीरामसौमित्रिजटायुवेद षडाननादित्य कुजार्चिताय ।श्रीनीलकण्ठाय दयामयाय श्रीवैद्यनाथाय नमःशिवाय ॥ 1॥ शम्भो महादेव शम्भो महादेव शम्भो महादेव शम्भो महादेव ।शम्भो महादेव शम्भो…
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पंचामृत अभिषेक Panchamrit Abhishek
क्षीराभिषेकंआप्या॑यस्व॒ समे॑तु ते वि॒श्वत॑स्सोम॒वृष्णि॑यम् । भवा॒वाज॑स्य सङ्ग॒धे ॥ क्षीरेण स्नपयामि ॥ दध्याभिषेकंद॒धि॒क्रावण्णो॑ अ॒कारिषं॒ जि॒ष्णोरश्व॑स्य वा॒जिनः॑ । सु॒र॒भिनो॒ मुखा॑कर॒त्प्रण॒ आयूग्ं॑षितारिषत् ॥…
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एकादशी व्रत 2022 – तिथि एवं अन्य जानकारियाँ
हिंदू धर्म में एकादशी या ग्यारस एक महत्वपूर्ण तिथि है। एकादशी व्रत की बड़ी महिमा है। एक ही दशा में…
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कुंभ राशि में शनिदेव होने जा रहे है वक्री
पंचांग के अनुसार शनि ग्रह का वक्री होना महत्वपूर्ण माना जाता है. शनि की इस चाल का सभी 12 राशियों…
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रामरक्षा आनन्दरामायणान्तर्गता
श्री शतकोटि रामचरितान्तर्गत श्रीमदानन्दरामायणेपञ्चमः सर्गः प्रारम्भः ।विष्णुदास उवाच –श्रीरामरक्षया प्रोक्तं कुशायह्यभिमन्त्रणम् ।कृतं तेनैव मुनिना गुरो तां मे प्रकाशय ॥ १॥…
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श्री रुद्रं नमकम्
श्री रुद्र प्रश्नः कृष्ण यजुर्वेदीय तैत्तिरीय संहिताचतुर्थं वैश्वदेवं काण्डं पञ्चमः प्रपाठकः ॐ नमो भगवते॑ रुद्रा॒य ॥नम॑स्ते रुद्र म॒न्यव॑ उ॒तोत॒ इष॑वे॒…
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रामरक्षा आनन्दरामायणान्तर्गता
श्री शतकोटि रामचरितान्तर्गत श्रीमदानन्दरामायणेपञ्चमः सर्गः प्रारम्भः ।विष्णुदास उवाच –श्रीरामरक्षया प्रोक्तं कुशायह्यभिमन्त्रणम् ।कृतं तेनैव मुनिना गुरो तां मे प्रकाशय ॥ १॥…
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पुंसवन-व्रत की विधि
भगवान् के इस पुंसवन-व्रत का जो मनुष्य विधिपूर्वक अनुष्ठान करता है, उसे यहीं उसकी मनचाही वस्तु मिल जाती है। स्त्री…
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ब्रह्मसूत्राणि
ॐ॥ श्री गुरुभ्यो नमः हरिः ॐ॥॥ श्री बादरायणाभिधेयश्रीवेदव्यासमहर्षिप्रणीतानिश्री ब्रह्मसूत्राणि॥॥ अथ प्रथमोऽध्यायः॥ॐ अथातो ब्रह्मजिज्ञासा ॐ ॥ १.१.१॥ॐ जन्माद्यस्य यतः ॐ ॥…
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पत्नी वामांगी क्यों कहलाती है?
वामांगी_महत्व शास्त्रों में पत्नी को वामंगी कहा गया है, जिसका अर्थ होता है बाएं अंग का अधिकारी। इसलिए पुरुष के…
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एकादशी एवं उसका माहात्म्य
हिंदू धर्म में एकादशी या ग्यारस एक महत्वपूर्ण तिथि है। एकादशी व्रत की बड़ी महिमा है। एक ही दशा में…
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श्रीराम विवाह एक सुन्दर प्रसंग
कनक कलस मनि कोपर रूरे। सुचि सुगंध मंगल जल पूरे॥निज कर मुदित रायँ अरु रानी। धरे राम के आगें आनी॥3॥भावार्थ:-पवित्र,…
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स्वस्तिक का महत्व ?
स्वास्तिक का चिन्ह किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले हिन्दू धर्म में स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर उसकी…
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मनुस्मृति अध्याय १
मनुमेकाग्रमासीनमभिगम्य महर्षयः ।प्रतिपूज्य यथान्यायमिदं वचनमब्रुवन् ॥ १.१॥ भगवन् सर्ववर्णानां यथावदनुपूर्वशः ।अन्तरप्रभवानां च धर्मान्नो वक्तुमर्हसि ॥ १.२॥ त्वमेको ह्यस्य सर्वस्य विधानस्य…
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पाठविधिः
साधक स्नान करके पवित्र हो आसन-शुद्धि की क्रिया सम्पन्न करके शुद्ध आसन पर बैठे; साथ में शुद्ध जल, पूजन-सामग्री और…
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अथ सप्तश्लोकी दुर्गा
शिव उवाच देवि त्वं भक्तसुलभेसर्वकार्यविधायिनी।कलौ हि कार्यसिद्ध्यर्थमुपायंब्रूहि यत्नतः॥ देव्युवाचश्रृणु देव प्रवक्ष्यामिकलौ सर्वेष्टसाधनम्।मया तवैव स्नेहेनाप्यम्बास्तुतिः प्रकाश्यते॥ विनियोगःॐ अस्य श्रीदुर्गासप्तश्लोकीस्तोत्रमन्त्रस्यनारायण ऋषिः,अनुष्टुप् छन्दः,श्रीमहाकालीमहालक्ष्मीमहासरस्वत्यो…
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गुरु सेवा उपदेश
मैं अपने माता-पिता,शरीर धारी गुरु और चारों पीठों पर विराजमान आदि गुरु शंकराचार्य जी को प्रणाम करके गुरु की महिमा…
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शिवानन्द लहरि
कलाभ्यां चूडालङ्कृत-शशि कलाभ्यां निज तपः-फलाभ्यां भक्तेशु प्रकटित-फलाभ्यां भवतु मे ।शिवाभ्यां-अस्तोक-त्रिभुवन शिवाभ्यां हृदि पुनर्-भवाभ्यां आनन्द स्फुर-दनुभवाभ्यां नतिरियम् ॥ 1 ॥ गलन्ती…
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दक्षिणा मूर्ति स्तोत्रम्
शान्तिपाठःॐ यो ब्रह्माणं विदधाति पूर्वंयो वै वेदांश्च प्रहिणोति तस्मै ।तंहदेवमात्म बुद्धिप्रकाशंमुमुक्षुर्वै शरणमहं प्रपद्ये ॥ ध्यानम्ॐ मौनव्याख्या प्रकटितपरब्रह्मतत्वंयुवानंवर्शिष्ठान्तेवसदृषिगणैरावृतं ब्रह्मनिष्ठैः ।आचार्येन्द्रं करकलित…
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तोटकाष्टकम्
विदिताखिल शास्त्र सुधा जलधेमहितोपनिषत्-कथितार्थ निधे ।हृदये कलये विमलं चरणंभव शङ्कर देशिक मे शरणम् ॥ 1 ॥ करुणा वरुणालय पालय मांभवसागर…
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पञ्चामृत स्नानाभिषेकम्
क्षीराभिषेकंआप्या॑यस्व॒ समे॑तु ते वि॒श्वत॑स्सोम॒वृष्णि॑यम् । भवा॒वाज॑स्य सङ्ग॒धे ॥ क्षीरेण स्नपयामि ॥ दध्याभिषेकंद॒धि॒क्रावण्णो॑ अ॒कारिषं॒ जि॒ष्णोरश्व॑स्य वा॒जिनः॑ । सु॒र॒भिनो॒ मुखा॑कर॒त्प्रण॒ आयूग्ं॑षितारिषत् ॥…
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नक्षत्र सूक्तम् (नक्षत्रेष्टि)
तैत्तिरीय ब्रह्मणम् । अष्टकम् – 3 प्रश्नः – 1तैत्तिरीय संहिताः । काण्ड 3 प्रपाठकः – 5 अनुवाकम् – 1 ओम्…
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गणपति अथर्व षीर्षम् (गणपत्यथर्वषीर्षोपनिषत्)
॥ गणपत्यथर्वशीर्षोपनिषत् (श्री गणेषाथर्वषीर्षम्) ॥ ॐ भ॒द्रं कर्णे॑भिः शृणु॒याम॑ देवाः । भ॒द्रं प॑श्येमा॒क्षभि॒र्यज॑त्राः । स्थि॒रैरङ्गै᳚स्तुष्ठु॒वाग्ं स॑स्त॒नूभिः॑ । व्यशे॑म दे॒वहि॑तं॒-यँदायुः॑ ।…
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आश्विन मास के व्रत एवं त्यौहार
हिंदू पंचांग या सनातन धर्म में सातवां महीना अश्वनी का होता है और यह महीना दुर्गा जी को समर्पित है…
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श्री रुद्रं नमकम्
श्री रुद्र प्रश्नः कृष्ण यजुर्वेदीय तैत्तिरीय संहिताचतुर्थं वैश्वदेवं काण्डं पञ्चमः प्रपाठकः ॐ नमो भगवते॑ रुद्रा॒य ॥नम॑स्ते रुद्र म॒न्यव॑ उ॒तोत॒ इष॑वे॒…
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श्री रुद्रं लघुन्यासम्
ॐ अथात्मानग्ं शिवात्मानग् श्री रुद्ररूपं ध्यायेत् ॥ शुद्धस्फटिक सङ्काशं त्रिनेत्रं पञ्च वक्त्रकम् ।गङ्गाधरं दशभुजं सर्वाभरण भूषितम् ॥ नीलग्रीवं शशाङ्काङ्कं नाग…
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मन्त्र पुष्पम्
भ॒द्रं कर्णे॑भिः शृणु॒याम॑ देवाः । भ॒द्रं प॑श्येमा॒क्षभि॒र्यज॑त्राः । स्थि॒रैरङ्गै᳚स्तुष्टु॒वाग्ंस॑स्त॒नूभिः॑ । व्यशे॑म दे॒वहि॑तं॒ यदायुः॑ ॥ स्व॒स्ति न॒ इन्द्रो॑ वृ॒द्धश्र॑वाः । स्व॑स्ति…
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सर्व देवता गायत्री मन्त्राः
शिव गायत्री मन्त्रःॐ तत्पुरु॑षाय वि॒द्महे॑ महादे॒वाय॑ धीमहि ।तन्नो॑ रुद्रः प्रचो॒दया᳚त् ॥ गणपति गायत्री मन्त्रःॐ तत्पुरु॑षाय वि॒द्महे॑ वक्रतु॒ण्डाय॑ धीमहि ।तन्नो॑ दन्तिः…
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यज्ञोपवीत धारण-संक्षिप्त
“गायन्तं त्रायते इति गायत्री”ॐ भूर्भुव॒स्सुवः॑ ॥तथ्स॑वि॒तुर्वरे᳚ण्यं॒ भर्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि ।धियो॒ यो नः॑ प्रचोदया᳚त् ॥ 1। शरीर शुद्धि अपवित्रः पवित्रो वा…
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नित्य पारायण श्लोकाः
प्रभात श्लोकःकराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती ।करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम् ॥ प्रभात भूमि श्लोकःसमुद्र वसने देवी पर्वत स्तन मण्डले…
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निर्वाण दशकं
न भूमिर्न तोयं न तेजो न वायुःन खं नेन्द्रियं वा न तेषां समूहःअनेकान्तिकत्वात्सुषुप्त्येकसिद्धःतदेकोऽवशिष्टः शिवः केवलोऽहम् ॥ 1 ॥ न वर्णा…
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गणपति प्रार्थन घनापाठं
ॐ ग॒णानां᳚ त्वा ग॒णप॑तिग्ं हवामहे क॒विं क॑वी॒नामु॑प॒मश्र॑वस्तमम् । ज्ये॒ष्ठ॒राजं॒ ब्रह्म॑णां ब्रह्मणस्पत॒ आ नः॑ शृ॒ण्वन्नू॒तिभि॑स्सीद॒ साद॑नम् ॥ प्रणो॑ दे॒वी सर॑स्वती॒ ।…
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हरितालिका तीज व्रत की सम्पूर्ण जानकारी
तिथि-समय : तृतीया तिथि प्रारम्भ – सितम्बर 09, 2021 को 02:33 ए एम बजेतृतीया तिथि समाप्त – सितम्बर 10, 2021…
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भौमवती अमावस्या की धार्मिक विशेषता
ज्योतिष शास्त्र और धार्मिक दृष्टिकोण से अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण होती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार मंगलवार को आने वाली अमावस्या…
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शनिदेव पौराणिक, वैज्ञानिक एवं ज्योतिषीय दृष्टिकोण में (विस्तृत विवरण)
नवग्रह में शनि ऐसे ग्रह हैं जिसके प्रभाव से कोई व्यक्ति नहीं बचा है। ऐसा व्यक्ति तलाश करना असम्भव है…
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श्री हनुमानजी के किस स्वरूप की पूजा से क्या लाभ होता है।
कलियुग में हनुमानजी सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवताओं में से एक हैं। हनुमानजी के अलग-अलग स्वरूपों की कई प्रतिमाएं…
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सूर्य देव को अर्घ्य प्रदान से बढ़ती है आध्यात्मिक ऊर्जा
सूर्य को जल देना पुरानी परम्परा है, परन्तु किसी ने यह जानने का प्रयास किया की क्यूँ दिया जाता है…
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दिशाओं के देवता
ब्रह्मदेव के कर्णों से १० दिशाओं की उत्पत्ति होती है और फिर उनके अनुरोध पर ब्रह्मदेव उनके पतियों के रूप…
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॥स्वात्मप्रकाशिका॥
जगत्कारणमज्ञानमेकमेव चिदन्वितम्।एक एव मनः साक्षी जानात्येवं जगत्त्रयम्॥१॥ विवेकयुक्तबुद्ध्याहं जानाम्यात्मानमद्वयम्।तथापि बन्धमोक्षादिव्यवहारः प्रतीयते॥२॥ विवर्तोऽपि प्रपञ्चो मे सत्यवद्भाति सर्वदा।इति संशयपाशेन बद्धोऽहं छिन्द्धि संशयम्॥३॥…
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हरिमीडेस्तोत्रम् अथवा हरिस्तुतिः
शङ्कराचार्यविरचितम् स्तोष्ये भक्त्या विष्णुमनादिं जगदादिं यस्मिन्नेतत्संसृतिचक्रं भ्रमतीत्थम् ।यस्मिन् दृष्टे नश्यति तत्संसृतिचक्रं तं संसारध्वान्तविनाशं हरिमीडे ॥ १॥ यस्यैकांशादित्थमशेषं जगदेतत् प्रादुर्भूतं येन…
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पूजा करते समय क्या करें क्या न करें
।। अति महत्वपूर्ण बातें पूजा से जुड़ी हुई।। एक हाथ से प्रणाम नही करना चाहिए। सोए हुए व्यक्ति का चरण…
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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व
श्री कृष्ण जयन्ती योग कृष्ण जन्माष्टमी सोमवार, अगस्त 30, 2021 को निशिता पूजा का समय 11:14 पी एम से 12:00…
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रक्षोघ्न सूक्त
ऋग्वेदः – मण्डल ४ सूक्तं ४.४ ऋषि वामदेवो गौतमः छन्दः त्रिष्टुप् शुक्लयजुर्वेदः/अध्यायः १३ । ९-१३ तैत्तिरीयसंहिता(विस्वरः)/काण्डम् १/प्रपाठकः २ अनुवाक १४…
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पंचमुखी हनुमान की कथा
यह कथा स्कन्द पुराण की है लंका में जब रावण का पुत्र, महा बलशाली मेघनाद मारा गया तब रावण जो…
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तिथि अनुसार भाद्रपद मास के पर्व एवं त्योहार
कजरी तीज भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की तृतीया को यह पर्व मनाया जाता है यह पर्व विशेषता उत्तर भारत में…
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देवी सुलोचना का सतीत्व एक वंदन
सुलोचना वासुकी नाग की पुत्री और लंका के राजा रावण के पुत्र मेघनाद की पत्नी थी। लक्ष्मण के साथ हुए…
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शिवसंकल्पोपनिषत्
यज्जाग्रतो दूरमुदति दैवं तदु सुप्तस्य तथैवैति । दरङ्गमं ज्योतिषां ज्योतिरेकं तेन्मे मनः शिवसङ्कल्पमस्तु ।१।येन कर्माण्य पसो मनीषिणो यज्ञे कृण्वन्ति विदथेष…
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श्रावणी उपाकर्म
श्रावणी उपाकर्म के तीन पक्ष है :– प्रायश्चित्त संकल्प, संस्कार और स्वाध्याय। प्रायश्चित्त संकल्प : इसमें हेमाद्रि स्नान संकल्प। गुरु…
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दामोदर द्वादशी का व्रत आज
मोक्ष की राह आसान करता है यह व्रत आज यानी 19 अगस्त को श्रद्धालु दामोदर द्वादशी का व्रत करेंगे। भारतीय…
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पुत्रदा या पवित्रा एकादशी व्रत आज
सनातन धर्म की विशेषता है कि हर दिन ही व्रत के साथ जीना है इस मानव तन में। चाहें तन…
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” वास्तविकं स्वातन्त्र्यम्”
अस्मदीयं राष्ट्रं भारतं सप्तचत्वारिंशदुत्तरनवदशतमाब्दस्य अगस्तमासस्य पञ्चदशके दिनाङ्के स्वातन्त्र्यमलभत।स्वतन्त्रताप्राप्त्यर्थं नैके राष्ट्रैसेवाव्रतिनो भारतीसपुत्रा नैजान् प्राणान् अत्यजन्।तेषां राष्ट्राय हुतात्मनां त्यागशौर्यबलिदानादिकं नितरां स्मृतिपटले सदास्मदीयहृच्चेतनासु…
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प्रेरक कथा -एक वैश्य और उसके पुत्र की कथा
एक वैश्य ने लाखों-करोड़ों रुपये कमाए और अपने धन में से चार-चार लाख रुपये अपने पुत्रों को देकर, उनकी अलग-अलग…
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नाग पंचमी पर विशेष
ऊँ नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु ये अन्तरिक्षे ये दिवि तेभ्यः सर्पेभ्यो नम। (शु०य०वे) सनातन धर्म में प्रकृति पूजा की…
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आदिशंङ्कराचार्यकृत प्रश्नोत्तरमाला
अपारसंसार समुद्रमध्ये सम्मज्जतो मे शरणं किमस्ति।गुरो कृपालो कृपया वदैतद्विश्वेशपादाम्बुजदीर्घनौका। १ । प्र: हे दयामय गुरुदेव ! कृपा करके यह बताइये…
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भरतकवचम्
अगस्तिरुवाच-अतः परं भरतस्य कवचं ते वदाम्यहम् ।सर्वपापहरं पुण्यं सदा श्रीरामभक्तिदम् ॥ १॥ कैकेयीतनयं सदा रघुवरन्यस्तेक्षणं श्यामलंसप्तद्वीपपतेर्विदेहतनयाकान्तस्य वाक्ये रतम् ।श्रीसीताधवसव्यपार्श्वनिकटे स्थित्वा…
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अध्यात्मरामायणे बालकाण्डम्
॥ प्रथमः सर्गः॥ ॥ राम हृदयम्॥ यः पृथिवीभरवारणाय दिविजैः सम्प्रार्थितश्चिन्मयःसञ्जातः पृथिवीतले रविकुले मायामनुष्योऽव्ययः ।निश्चक्रं हतराक्षसः पुनरगाद् ब्रह्मत्वमाद्यं स्थिरांकीर्तिं पापहरां विधाय…
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श्रावण शिवरात्रि पर्व
जो व्रत गृहस्थादि सभी आश्रमों को सुख प्रदान करने वाला हो, उस शिवरात्रि व्रत का माहात्म्य आपको अनेकों ग्रंथों का…
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अध्यात्मरामायणे अयोध्याकाण्डम्
॥ प्रथमः सर्गः ॥ एकदा सुखमासीनं रामं स्वान्तःपुराजिरे ।सर्वाभरणसम्पन्नं रत्नसिंहासने स्थितम् ॥ १॥ नीलोत्पलदलश्यामं कौस्तुभामुक्तकन्धरम् ।सीतया रत्नदण्डेन चामरेणाथ वीजितम् ॥…
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भगवती गंगा अवतरण की कथा
गंगा, जाह्नवी और भागीरथी कहलानी वाली ‘गंगा नदी’ भारत की सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। यह मात्र एक…
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भाषाभ्यासे संस्कृतस्य महत्वम् –
संस्कृत भाषा अस्माकं प्राचीनतमा भाषा अस्ति संस्कृत भारतीय उपमहादीपस्य भाषास्ति l संस्कृतं एकं हिन्दार्य भाषास्ति l संस्कृतभाषा विश्वस्य सर्वासु भाषासु…
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शिखा सूत्र का वैदिक महत्व
सिर के ऊपरी भाग को ब्रह्मांड कहा गया है और सामने के भाग को कपाल प्रदेश। कपाल प्रदेश का विस्तार…
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अध्यात्मरामायणमाहात्म्यम् ब्रह्माण्डपुराणे
रामं विश्वमयं वन्दे रामं वन्दे रघूद्वहम् ।रामं विप्रवरं वन्दे रामं श्यामाग्रजं भजे ॥ यस्य वागंशुतश्च्युतं रम्यं रामायणामृतम् ।शैलजासेवितं वन्दे तं…
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पुरुष सूक्त
पुरुष सूक्त का आध्यात्मिक तथा दार्शनिक दृष्टि से बड़ा महत्व बताया गया है। पुरुष सूक्त के द्वारा बताया गया है…
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श्रीगौराङ्गप्रत्यङ्गवर्णनाख्यस्तवराजः
अथ स्तोत्रं प्रवक्ष्यामि प्रत्यङ्ग-वर्णनं प्रभोः ।त्रि-कालं पठनाद्-एव प्रेम-भक्तिं लभेन्नरः ॥ १॥ कश्चिच्छ्री-कृष्ण-चैतन्य-स्मरणाकुल-मानसः ।पुलकावचिताङ्गोऽपि सकम्पाश्रु-विलोचनः ॥ २॥ कथञ्चित् स्थैर्यमालम्ब्य प्रणम्य गुरुमादरात्…
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कोरोनाख्य महासंक्रामक रोग निवृत्तये श्रीहरिनृसिंह स्तुतिः।
कोरोनाख्यमहारोगं महामारी स्वरूपिणम्।अस्यविषाक्तपरमाणून्क्षिप्रं शाम्यन्तु हेहरिः।।कोरोनाद्यानिरोगाणि देशेतिष्ठन्ति मामके।तेषांविषाक्तपरमाणून् क्षिप्रं शाम्यन्तु हेहरिः।।नृसिंहो ! नरशार्दूलः भगवान् कमलापतिः।आधिव्याधि महारोगान्प्रशाम्यन्तु कृपांकुरु।।उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्।नृसिंहं…
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महामारी निवारणार्थ त्रिपुरारी वन्दना।
हे त्रिपुरारी त्याग समाधि,बुला रही है प्रजा दुखारी।आशुतोष हे औघण दानी,कृपा करो प्रभु अंतर्यामी ।। फैली बहुत बडी बीमारी,मरती सब…
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आज शनैश्चरी अमावस्या विशेष
शनिवार के अमावस्या के दिन श्री शनिदेव की आराधना करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस वर्ष 10 जुलाई…
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सूर्याष्टकम्
आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर ।दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोस्तुते ।। १ सप्ताश्व रथमारूढं प्रचंडं कश्यपात्मजं ।श्वेत पद्मधरं देवं तं सूर्यं…
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एकाक्षरोपनिषत्
एकाक्षरपदारूढं सर्वात्मकमखण्डितम् ।सर्ववर्जितचिन्मात्रं त्रिपान्नारायणं भजे ॥ ॐ सह नाववतु सह नौ भुनक्तु ।सह वीर्यं करवावहै ।तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहै ॥ ॐ…
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मनुस्मृति अध्याय १२
चातुर्वर्ण्यस्य कृत्स्नोऽयमुक्तो धर्मस्त्वयाऽनघः ।कर्मणां फलनिर्वृत्तिं शंस नस्तत्त्वतः पराम् ॥ १२.१॥ स तानुवाच धर्मात्मा महर्षीन् मानवो भृगुः ।अस्य सर्वस्य शृणुत कर्मयोगस्य…
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मनुस्मृति -अध्याय ११
सान्तानिकं यक्ष्यमाणमध्वगं सार्ववेदसम् ।गुर्वर्थं पितृमात्र्यर्थं स्वाध्यायार्थ्युपतापिनः ॥ ११.१॥ न वै तान् स्नातकान् विद्याद्ब्राह्मणान् धर्मभिक्षुकान् ।निःस्वेभ्यो देयमेतेभ्यो दानं विद्याविशेषतः ॥ ११.२॥…
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हेमाद्रि संकल्पः
ॐ स्वस्ति श्री समस्त जगदुत्पत्तिस्थितिलयकारणस्य रक्षाशिक्षाविचक्षणस्य प्रणतपारिजातस्य अशेषपराक्रमस्य श्रीमदनंतवीर्यस्यादिनारायणस्य अचिन्त्यापरिमितशक्त्या ध्रियमाणस्य महाजलौघमध्ये परिभ्रममाणानामनेक कोटिब्रह्माण्डानामेकतमेS व्यक्तमहदहंकारपृथिव्यप्तेजोवाय्वाकाशाद्यावरणैरावृते अस्मिन्महति ब्रह्माण्डखण्डे आधारशक्ति श्रीमदादिवाराहदंष्ट्राग्रविराजिते कूर्मानंतवासुकितक्षक…
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ईशोपनिषद्भाष्यम्
अथ वाजसनेयिनां संहितोपनिषदं व्याख्यास्यामः ॐ ईशावास्यमिदं सर्वं यत् किं च जगत्यां जगत् । तेन त्यक्तेन भुञ्जीथा मा गृधः कस्यस्विद्धनम्॥१॥ जगत्यां…
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मनुस्मृति-अध्याय १०
अधीयीरंस्त्रयो वर्णाः स्वकर्मस्था द्विजातयः ।प्रब्रूयाद्ब्राह्मणस्त्वेषां नेतराविति निश्चयः ॥ १०.१॥ सर्वेषां ब्राह्मणो विद्याद्वृत्त्युपायान् यथाविधि ।प्रब्रूयादितरेभ्यश्च स्वयं चैव तथा भवेत् ॥ १०.२॥…
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महा लक्ष्म्यष्टकम्
इंद्र उवाच – नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते ।शंखचक्र गदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते ॥ 1 ॥ नमस्ते गरुडारूढे कोलासुर भयंकरि ।सर्वपापहरे…
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अच्युतस्याष्टकम् : अच्युतं केशवं रामनारायणम्
अच्युतं केशवं रामनारायणंकृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम् ।श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभंजानकीनायकं रामचंद्रं भजे ॥अच्युतं केशवं सत्यभामाधवंमाधवं श्रीधरं राधिकाराधितम् ।इन्दिरामन्दिरं चेतसा सुन्दरंदेवकीनन्दनं नन्दजं सन्दधे…
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मनुस्मृति – अध्याय ९
पुरुषस्य स्त्रियाश्चैव धर्मे वर्त्मनि तिष्ठतोः । धर्म्येसंयोगे विप्रयोगे च धर्मान् वक्ष्यामि शाश्वतान् ॥ ९.१॥ अस्वतन्त्राः स्त्रियः कार्याः पुरुषैः स्वैर्दिवानिशम् ।विषयेषु…
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गंगा दशहरा
गंगा दशहरा का पर्व जेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दसवीं को मनाया जाता है। जेष्ठ शुक्ल दशमी तिथि पापों…
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मनुस्मृति-अध्याय ८
व्यवहारान् दिदृक्षुस्तु ब्राह्मणैः सह पार्थिवः ।मन्त्रज्ञैर्मन्त्रिभिश्चैव विनीतः प्रविशेत्सभाम् ॥ ८.१॥ तत्रासीनः स्थितो वाऽपि पाणिमुद्यम्य दक्षिणम् ।विनीतवेषाभरणः पश्येत्कार्याणि कार्यिणाम् ॥ ८.२॥…
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प्रस्थानत्रयी – परिचय
उपनिषद, गीता और वेदान्त दर्शन(ब्रम्हसूत्र) इन्हें हमारे सनातन धर्म में प्रस्थानत्रयी के नाम से जाना जाता है ।जीव,जगत और ईश्र्वर…
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साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून 2021 गुरुवार को लगने जा रहा है।
यह ग्रहण ज्येष्ठ महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को लग रहा है और इस दिन शनि जयंती भी…
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वटसावित्री व्रत(अमावस्या पक्ष)
मुहूर्त:-अमावस्या तिथि आरंभ:- 9 जून- 1:57 pmअमावस्या तिथि समाप्त:-10 जून- 4:20 pm व्रत 10 जून 2021 को मन जाएगा। वट…
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॥ अद्वैतरसमञ्जरी ॥
।।श्री गणेशाय नमः ॥ अखण्डसत्यज्ञानानन्दामृतस्यात्मस्तव-स्तवादिकं कथं कुर्यां करणागोचरत्वतः ॥ (१)स्वभक्तलोकानुजिधृक्षयैवया समस्तलोकानुगता विराजते ।अकादिरूपेण शुकादिवन्दितां नमामि तं श्रीललितां स्वदेवताम् ॥ (२)गजमुखमुपरिष्टान्मानवाङ्गं…
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मनुस्मृति -अध्याय ७
राजधर्मान् प्रवक्ष्यामि यथावृत्तो भवेन्नृपः ।सम्भवश्च यथा तस्य सिद्धिश्च परमा यथा ॥ ७.१॥ ब्राह्मं प्राप्तेन संस्कारं क्षत्रियेण यथाविधि ।सर्वस्यास्य यथान्यायं कर्तव्यं…
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मनुस्मृति-अध्याय ६
एवं गृहाश्रमे स्थित्वा विधिवत्स्नातको द्विजः ।वने वसेत्तु नियतो यथावद्विजितैन्द्रियः ॥ ६.१॥ गृहस्थस्तु यथा पश्येद्वलीपलितमात्मनः ।अपत्यस्यैव चापत्यं तदाऽरण्यं समाश्रयेत् ॥ ६.२॥…
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ध्रुवसूक्तम्
आ त्वा॑हार्षम॒न्तरे॑धि ध्रु॒वस्ति॒ष्ठावि॑चाचलिः ।विश॑स्त्वा॒ सर्वा॑ वाञ्छन्तु॒ मा त्वद्रा॒ष्ट्रमधि॑ भ्रशत् ॥ १०.१७३.०१इ॒हैवैधि॒ माप॑ च्योष्ठाः॒ पर्व॑त इ॒वावि॑चाचलिः ।इन्द्र॑ इवे॒ह ध्रु॒वस्ति॑ष्ठे॒ह रा॒ष्ट्रमु॑ धारय…
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॥ अपरा एकादशी माहात्म्य ॥
श्रीयुधिष्ठिर बोले – हे भगवान जेष्ठ मास की कृष्णपक्ष की एकादशी का नाम तथा महत्तम में क्या है ? सो…
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सूर्यसूक्तम्
आङ्गिरसः कुत्स ऋषिः, सूर्योदेवता, निचृत् त्रिष्तुप् (१,२,६) ,विराट् त्रिष्टुप् (३), त्रिष्टुप्छन्दः (४,५), धैवतः स्वरः । चि॒त्रं दे॒वाना॒मुद॑गा॒दनी॑कं॒ चक्षु॑र्मि॒त्रस्य॒ वरु॑णस्या॒ग्नेः ।आप्रा॒…
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कुमारसूक्तम्
ऋषिः वामदेवः, देवता १-६ अग्निः, ७-८ सोमकः साहदेव्यः, १० अशिव्नौ,छन्दः १,४ गायत्री, २,५,६ विराड्गायत्री, ३, ७-१० निचृद्गायत्रीस्वरः षड्जः अ॒ग्निर्होता॑ नो…
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ओषधीसूक्तम्
ऋग्वेदसंहितायां दशमं मण्डलं, सप्तनवतितमं सूक्तम् ।ऋषी भिषगाथर्वणः ॥ देवता ओषधीस्तुतिः , ओषधिसमुहछन्द १ २ ४-७ ११ १७ अनुष्टुप्, ३ ९…
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श्रीरूपगोस्वामिविरचितस्तवमालायां त्रिभङ्गीपञ्चकम्
। नमः श्रीकृष्णाय ।यमलार्जुनभञ्जनमाश्रितरञ्जनमहिगञ्जनघनलास्यभरं पशुपालपुरन्दरमभिसृतकन्दरमतिसुन्दरमरविन्दकरम् ।वरगोपवधूजनविरचितपूजनमूरुकूजननववेणुधरं स्मरनर्मविचक्षणमखिलविलक्षणतनुलक्षणमतिदक्षतरम् ॥ १॥प्रणताशनिपञ्जरं नम्बरपिञ्जरमरिकुञ्जरहरिमिन्दुमुखं गोमण्डलरक्षिणमनुकृतपक्षिणमतिदक्षिणमैम्तात्मसुखम् ।गुरुगैरिकमण्डितमनुनयपण्डितमवखण्डितपुरुहूतमखं व्रजकमलविरोचनमलिकसुरोचनगोरोचनमतिताम्रनखम् ॥ २॥उन्मदरतिनायकशाणितशायकविनिधायकचलचिल्लिलतं उद्धतसङ्कोचनमम्बुजलोचनमघमोचनममरालिनतम्…
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श्रीत्रिपुरसुन्दरी प्रातःश्लोकपञ्चकम्
प्रातर्नमामि जगतां जनन्याश्चरणाम्बुजम् ।श्रीमत्त्रिपुरसुन्दर्या नमिता या हरादिभिः ॥ १॥ var प्रणतायाप्रातस्त्रिपुरसुन्दर्या नमामि पदपङ्कजम् ।हरिर्हरो विरिञ्चिश्च सृष्ट्यादीन् कुरुते यथा ॥ २॥प्रातस्त्रिपुरसुन्दर्या…
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श्रीजानकीशरणागतिपञ्चकम्
ॐ कृपारूपिणिकल्याणि रामप्रिये श्री जानकी ।कारुण्यपूर्णनयने दयादृष्ट्यावलोकये ॥व्रतं –पापानां वा शुभानां वा वधार्हार्णां प्लवङ्गम ।कार्यं कारुण्यमार्येण न कश्चिन्नापराध्यति ॥अथ शरणागति…