लिंगाष्टकम्
ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिंगं निर्मलभासित शोभितलिंगम्।जन्मजदु:खविनाशकलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिवलिंगम्।।1।। देवमुनिप्रवरार्चितलिंगं कामदहं करुणाकरलिंगम्।रावणदर्पविनाशन लिंगं तत्प्रणमामि सदाशिवलिंगम् ।।2।। सर्वसुगंधिसुलेपित लिंगं बुद्धि विवर्धनकारणलिंगम् ।सिद्धसुरासुरवंदितलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम्।।3।। कनकमहामणिभूषितलिंगं फणिपति वेष्टित शोभितलिंगम् ।दक्षसुयज्ञविनाशकलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ।।4।। कुंकुमचन्दनलेपितलिंगंं…