Tag: मंत्र एवं स्तोत्रम

पंचामृत अभिषेक Panchamrit Abhishek

क्षीराभिषेकंआप्या॑यस्व॒ समे॑तु ते वि॒श्वत॑स्सोम॒वृष्णि॑यम् । भवा॒वाज॑स्य सङ्ग॒धे ॥ क्षीरेण स्नपयामि ॥ दध्याभिषेकंद॒धि॒क्रावण्णो॑ अ॒कारिषं॒ जि॒ष्णोरश्व॑स्य वा॒जिनः॑ । सु॒र॒भिनो॒ मुखा॑कर॒त्प्रण॒ आयूग्ं॑षितारिषत् ॥ दध्ना स्नपयामि ॥ आज्याभिषेकंशु॒क्रम॑सि॒ ज्योति॑रसि॒ तेजो॑ऽसि दे॒वोवस्स॑वितो॒त्पु॑ना॒ त्वच्छि॑द्रेण प॒वित्रे॑ण॒ वसो॒…

ब्रह्मसूत्राणि

ॐ॥ श्री गुरुभ्यो नमः हरिः ॐ॥॥ श्री बादरायणाभिधेयश्रीवेदव्यासमहर्षिप्रणीतानिश्री ब्रह्मसूत्राणि॥॥ अथ प्रथमोऽध्यायः॥ॐ अथातो ब्रह्मजिज्ञासा ॐ ॥ १.१.१॥ॐ जन्माद्यस्य यतः ॐ ॥ १.१.२॥ॐ शास्त्रयोनित्वात् ॐ ॥ १.१.३॥ॐ तत्तुसमन्वयात् ॐ ॥ १.१.४॥ॐ ईक्षतेर्नाशब्दम्…

स्वस्तिक का महत्व ?

स्वास्तिक का चिन्ह किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले हिन्दू धर्म में स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर उसकी पूजा करने का महत्व है। मान्यता है कि ऐसा करने…

नक्षत्र सूक्तम् (नक्षत्रेष्टि)

तैत्तिरीय ब्रह्मणम् । अष्टकम् – 3 प्रश्नः – 1तैत्तिरीय संहिताः । काण्ड 3 प्रपाठकः – 5 अनुवाकम् – 1 ओम् ॥ अ॒ग्निर्नः॑ पातु॒ कृत्ति॑काः । नक्ष॑त्रं दे॒वमि॑न्द्रि॒यम् । इ॒दमा॑सां-विँचक्ष॒णम् ।…

यज्ञोपवीत धारण-संक्षिप्त

“गायन्तं त्रायते इति गायत्री”ॐ भूर्भुव॒स्सुवः॑ ॥तथ्स॑वि॒तुर्वरे᳚ण्यं॒ भर्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि ।धियो॒ यो नः॑ प्रचोदया᳚त् ॥ 1। शरीर शुद्धि अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां᳚ गतोऽपिवा ।यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरश्शुचिः ॥ 2। आचमनम्ॐ…

गणपति प्रार्थन घनापाठं

ॐ ग॒णानां᳚ त्वा ग॒णप॑तिग्ं हवामहे क॒विं क॑वी॒नामु॑प॒मश्र॑वस्तमम् । ज्ये॒ष्ठ॒राजं॒ ब्रह्म॑णां ब्रह्मणस्पत॒ आ नः॑ शृ॒ण्वन्नू॒तिभि॑स्सीद॒ साद॑नम् ॥ प्रणो॑ दे॒वी सर॑स्वती॒ । वाजे॑भिर्-वा॒जिनी॑वती । धी॒नाम॑वि॒त्र्य॑वतु ॥ ग॒णे॒शाय॑ नमः । स॒रस्व॒त्यै नमः ।…

दिशाओं के देवता

ब्रह्मदेव के कर्णों से १० दिशाओं की उत्पत्ति होती है और फिर उनके अनुरोध पर ब्रह्मदेव उनके पतियों के रूप में ८ देवताओं की रचना करते हैं और उन्हें ८…

॥स्वात्मप्रकाशिका॥

जगत्कारणमज्ञानमेकमेव चिदन्वितम्।एक एव मनः साक्षी जानात्येवं जगत्त्रयम्॥१॥ विवेकयुक्तबुद्ध्याहं जानाम्यात्मानमद्वयम्।तथापि बन्धमोक्षादिव्यवहारः प्रतीयते॥२॥ विवर्तोऽपि प्रपञ्चो मे सत्यवद्भाति सर्वदा।इति संशयपाशेन बद्धोऽहं छिन्द्धि संशयम्॥३॥ एवं शिष्यवचः श्रुत्वा गुरुराहोत्तरं स्फुटम्।नाज्ञानं न च बुद्धिश्च न जगन्न…

पूजा करते समय क्या करें क्या न करें

।। अति महत्वपूर्ण बातें पूजा से जुड़ी हुई।। एक हाथ से प्रणाम नही करना चाहिए। सोए हुए व्यक्ति का चरण स्पर्श नहीं करना चाहिए। बड़ों को प्रणाम करते समय उनके…

भगवती गंगा अवतरण की कथा

गंगा, जाह्नवी और भागीरथी कहलानी वाली ‘गंगा नदी’ भारत की सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। यह मात्र एक जल स्रोत नहीं है, बल्कि भारतीय मान्यताओं में यह नदी…

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