Tag: धार्मिक पर्व त्योहार एवं व्रत

सप्तम भाव को ज्योतिष में महत्वपूर्ण क्यों माना गया है?

सप्तम भाव, कुंडली के इस भाव को वैदिक ज्योतिष में कितना महत्व दिया गया है? सप्तम भाव को ज्योतिष में किस क्यों महत्वपूर्ण माना गया है? यह जातक के किन…

पुंसवन-व्रत की विधि

भगवान् के इस पुंसवन-व्रत का जो मनुष्य विधिपूर्वक अनुष्ठान करता है, उसे यहीं उसकी मनचाही वस्तु मिल जाती है। स्त्री इस व्रत का पालन करके सौभाग्य, सम्पत्ति, सन्तान, यश और…

स्वस्तिक का महत्व ?

स्वास्तिक का चिन्ह किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले हिन्दू धर्म में स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर उसकी पूजा करने का महत्व है। मान्यता है कि ऐसा करने…

नक्षत्र सूक्तम् (नक्षत्रेष्टि)

तैत्तिरीय ब्रह्मणम् । अष्टकम् – 3 प्रश्नः – 1तैत्तिरीय संहिताः । काण्ड 3 प्रपाठकः – 5 अनुवाकम् – 1 ओम् ॥ अ॒ग्निर्नः॑ पातु॒ कृत्ति॑काः । नक्ष॑त्रं दे॒वमि॑न्द्रि॒यम् । इ॒दमा॑सां-विँचक्ष॒णम् ।…

यज्ञोपवीत धारण-संक्षिप्त

“गायन्तं त्रायते इति गायत्री”ॐ भूर्भुव॒स्सुवः॑ ॥तथ्स॑वि॒तुर्वरे᳚ण्यं॒ भर्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि ।धियो॒ यो नः॑ प्रचोदया᳚त् ॥ 1। शरीर शुद्धि अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां᳚ गतोऽपिवा ।यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरश्शुचिः ॥ 2। आचमनम्ॐ…

गणपति प्रार्थन घनापाठं

ॐ ग॒णानां᳚ त्वा ग॒णप॑तिग्ं हवामहे क॒विं क॑वी॒नामु॑प॒मश्र॑वस्तमम् । ज्ये॒ष्ठ॒राजं॒ ब्रह्म॑णां ब्रह्मणस्पत॒ आ नः॑ शृ॒ण्वन्नू॒तिभि॑स्सीद॒ साद॑नम् ॥ प्रणो॑ दे॒वी सर॑स्वती॒ । वाजे॑भिर्-वा॒जिनी॑वती । धी॒नाम॑वि॒त्र्य॑वतु ॥ ग॒णे॒शाय॑ नमः । स॒रस्व॒त्यै नमः ।…

हरितालिका तीज व्रत की सम्पूर्ण जानकारी

तिथि-समय : तृतीया तिथि प्रारम्भ – सितम्बर 09, 2021 को 02:33 ए एम बजेतृतीया तिथि समाप्त – सितम्बर 10, 2021 को 12:18 ए एम बजे पूजा का शुभ समय:प्रातःकाल हरितालिका…

दिशाओं के देवता

ब्रह्मदेव के कर्णों से १० दिशाओं की उत्पत्ति होती है और फिर उनके अनुरोध पर ब्रह्मदेव उनके पतियों के रूप में ८ देवताओं की रचना करते हैं और उन्हें ८…

॥स्वात्मप्रकाशिका॥

जगत्कारणमज्ञानमेकमेव चिदन्वितम्।एक एव मनः साक्षी जानात्येवं जगत्त्रयम्॥१॥ विवेकयुक्तबुद्ध्याहं जानाम्यात्मानमद्वयम्।तथापि बन्धमोक्षादिव्यवहारः प्रतीयते॥२॥ विवर्तोऽपि प्रपञ्चो मे सत्यवद्भाति सर्वदा।इति संशयपाशेन बद्धोऽहं छिन्द्धि संशयम्॥३॥ एवं शिष्यवचः श्रुत्वा गुरुराहोत्तरं स्फुटम्।नाज्ञानं न च बुद्धिश्च न जगन्न…

पूजा करते समय क्या करें क्या न करें

।। अति महत्वपूर्ण बातें पूजा से जुड़ी हुई।। एक हाथ से प्रणाम नही करना चाहिए। सोए हुए व्यक्ति का चरण स्पर्श नहीं करना चाहिए। बड़ों को प्रणाम करते समय उनके…

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