जय श्री राधे कृष्ण
प्रस्तुत है भाव-भजन…..
कन्हैया आने वाले हैं
सजा दो घर को दीपों से
कन्हैया आने वाले हैं
सजा दो घर को गुलशन सा
कन्हैया आने वाले हैं
लगे कुटिया ये दुल्हन सी
लगे मथुरा ये दुल्हन सी
कन्हैया आने वाले…..
भादों की रात आई है
घटाएं काली छाईं हैं
लगे हैं जेल में पहरे …2
विष्णु अवतारी आए हैं….
सजा दो घर को दीपों
कन्हैया आने वाले हैं
दुर्मति कंस ने देखो
देवकी वासुदेव को देखो
डाला है जेल में देखो
कड़े पहरे बिठाकर के
कंस ने कष्ट पहुंचाया है
कंस का वध करने को
उन्हीं को मुक्त करने को अवतारी कृष्ण आए हैं
सजा दो घर को दीपों से
कन्हैया आने वाले हैं…..
सजा दो घर को दुल्हन सा सजा दो घर को गुलशन सा अवतारी कृष्ण आए हैं…..
सखी तुम भी मगन होकर
झूम लो नाचो और गाओ
हृदय मंदिर बिठाकर के
उन्हीं से लौ लगा लो तुम
छवि अत्यंत मनोहर है
सखी रास-रचैया आये हैं
सजा दो घर को दीपों से
गिरधारी आने वाले हैं
सजा दो ग्रुप को दीपों से
सखियों कन्हैया आने वाले हैं
लगे ये ग्रुप भी दुल्हन सा
नंदलाला आने वाले हैं…..
हाथी घोड़ा पालकी
जय कन्हैया लाल की
-सुमित्रा गुप्ता सखी