12 तारीख वीरवार(गुरुवार)को प्रदोष काल तक द्वादशी है। उपरांत त्रयोदशी आरम्भ हो जाएगी। इसलिए धनतेरस वीरवार को पूरी रात्रि है। धनतेरस की पूजा, धनवन्त्री दिवस वीरवार को ही होगी।
13 तारीख शुक्रवार को त्रयोदशी तिथि सूर्यास्त के समय ही समाप्त हो जायेगी। उपरांत चतुर्दशी आरम्भ हो जाएगी। इसलिए नरक चतुर्दशी मास शिवरात्रि छोटी दीपावली की पूजा शुक्रवार को ही होगी।
14 तारीख शनिवार को चतुर्दशी तिथि मध्यान्ह काल तक रहेगी, उपरान्त अमावस्या आरम्भ हो जाएगी। इसलिए दीपावली पूजन पर्व शनिवार को सुबह सूर्योदय से आरम्भ हो जाएगी । जिसमें लक्ष्मी पूजन का विशेष मुहूर्त सायं 5/25 से शुरू होकर रात्रि 2/15 तक रहेगा। इसमें भी प्रदोष काल मे वृष लग्न और निशीथ काल मे सिंह लग्न श्रेष्ठ होता है। वृष लग्न का समय 5/27 से 7/23 तक रहेगा। सिंह लग्न का समय 11/56 से 2/14 तक रहेगा। और दूसरे नंबर पर गौधुलि बेला का समय होता है। 4 बजे से 6 बजे तक।
15 तारीख रविवार को अमावस्या सुबह 10-36 तक है, उपरान्त प्रतिपदा तिथि आरम्भ हो जाएगी। अन्नकूट, गोवर्धन पूजा, बलि पूजा का सम्बन्ध दिन से है। इसलिए गोवर्धन पूजा रविवार को रहेगी।
16 तारीख सोमवार को प्रतिपदा प्रात: 7 बजे तक है। उपरान्त द्वितीय तिथि पूरे दिन रहेगी। भैया दूज पूरे दिन मनाया जाएगा । इसलिए भैया दूज सोमवार को है।