मृत्यु देवी के जन्म की कहानी : लेखिका – सुमित्रा गुप्ता ‘सखी’
मित्रों..ये बात उस समय की है जब सृष्टि पर मृत्यु जैसा कोई रूप नहीं था। सभी जन्म तो लेते थे पर मरता कोई नहीं था।शायद आप सभी आश्चर्य कर रहें…
श्रेय एवम् प्रेय का भेद – साधना का एक महत्वपूर्ण सूत्र (अभिषेक तिवारी)
कठोपनिषद अध्याय १, बल्ली २, मंत्र १ और २ : अन्यच्छ्रेयोऽन्यदुतैव प्रेयस्ते उभे नानार्थे पुरुषंसिनीतः ।तयोः श्रेय आददानस्य साधु भवति हीयतेऽर्थाद्य उ प्रेयो वृणीते ।।(कठोपनिषद्, अध्याय १, बल्ली २, मंत्र…
श्रीगणेश वंदना : सुमित्रा गुप्ता
वक्रतूंड महाकाय सूर्यकोटि समंप्रभः,निर्विघ्नम् कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा। आज हमारे गणपति पधारे—–आज हमारे गणपति पधारे,आज हमारे गणपति पधारे—–चलो सखी मिलकर मंगल गावें,मंगल गावें और उन्हें निहारें—(१) मात-पिता की पूजा…
जगद्गुरुरामभद्राचार्य जी महाराज
आचार्यचरणानां विरुदावलिः ॥ श्रीसीतारामपदपद्ममकरन्दमधुव्रतश्रीसम्प्रदायप्रवर्तकसकलशास्त्रार्थमहार्णवमन्दरमतिश्रीमदाद्य– जगद्गुरुरामानन्दाचार्यचरणारविन्दचञ्चरीकाः समस्तवैष्णवालङ्कारभूताः आर्षवाङ्मयनिगमागमपुराणेतिहाससन्निहितगम्भीरतत्त्वान्वेषणतत्पराः पदवाक्यप्रमाणपारावारीणाः साङ्ख्ययोगन्यायवैशेषिकपूर्वमीमांसावेदान्तनारदशाण्डिल्यभक्तिसूत्रगीतावाल्मीकीयरामायणभागवतादि– सिद्धान्तबोधपुरःसरसमधिकृताशेषतुलसीदाससाहित्यसौहित्यस्वाध्यायप्रवचनव्याख्यानपरमप्रवीणाः सनातनधर्मसंरक्षणधुरीणाः चतुराश्रमचातुर्वर्ण्यमर्यादासंरक्षणविचक्षणाः अनाद्यविच्छिन्नसद्गुरुपरम्पराप्राप्तश्रीमत्सीतारामभक्तिभागीरथीविगाहनविमलीकृतमानसाः श्रीमद्रामचरित्रमानसराजमरालाः सततं शिशुराघवलालनतत्पराः समस्तप्राच्यप्रतीच्यविद्याविनोदितविपश्चितः राष्ट्रभाषागीर्वाणगिरामहाकवयः विद्वन्मूर्धन्याः श्रीमद्रामप्रेमसाधनाधनधन्याः श्रोत्रियब्रह्मनिष्ठाः प्रस्थानत्रयीभाष्यकाराः महामहोपाध्यायाः वाचस्पतयः जगद्गुरुरामभद्राचार्यविकलाङ्गविश्वविद्यालयस्य जीवनपर्यन्तकुलाधिपतयः श्रीचित्रकूटस्थमन्दाकिनीविमलपुलिननिवासिनः श्रीतुलसीपीठाधीश्वराः धर्मचक्रवर्तिनः श्रीमज्जगद्गुरुरामानन्दाचार्याः…
आइए गीता पर एक दृष्टि डालें
गीता तात्पर्य -श्रीमद्भगवदगीता विश्व के सबसे बडे़ महाकाव्य महाभारत के “भीष्मपर्व” का एक अंश है। भगवद्गीता भगवान कृष्ण द्वारा कुरूक्षेत्र युध्द में दिया गया दिव्य उपदेश है जब अर्जुन मोहग्रस्त…
मृग, काग और धूर्त गीदड़ की कहानी (हितोपदेश: श्री नारायण पंडित)
मगध देश में चंपकवती नामक एक महान अरण्य था, उसमें बहुत दिनों में मृग और कौवा बड़े स्नेह से रहते थे। किसी गीदड़ ने उस मृग को हट्ठा- कट्ठा और…
सनातन में सुबह उठने के पश्चात किए जाने वाले कुछ वैदिक कर्म
।। प्रातः कर दर्शनम्।। प्राचीन वैदिक संस्कृति में वर्णित तथा आधुनिक विज्ञान के द्वारा मानित प्रभार कर दर्शन का व्यक्ति के जीवन में बड़ा महत्व है। इसलिए आँखों के खुलते…
माँ सरस्वती की आरती
।।श्लोक ।।या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृताया वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दितासा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥1॥शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनींवीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं…
श्री भैरव जी की आरती
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा ।जय काली और गौरा देवी कृत सेवा ।।जय….. तुम्हीं पाप उद्धारक दु:ख सिन्धु तारक ।भक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक ।।जय….. वाहन…