Category: आचार्य अभिजीत

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय ७

ज्ञान विज्ञानं योग(विज्ञान सहित तत्व-ज्ञान) श्रीभगवानुवाचमय्यासक्तमनाः पार्थ योगं युञ्जन्मदाश्रयः।असंशयं समग्रं मां यथा ज्ञास्यसि तच्छृणु॥१ भावार्थ : श्री भगवान ने कहा – हे पृथापुत्र! अब उसको सुन जिससे तू योग का…

जानिए ग्रहों की अनुकूलता प्राप्त करने का उपाय

सूर्य ग्रह :सूर्य की अनुकूलता प्राप्त करने के लिए जातक को अपने आहार में गेहूं, आम, गुड़ आदि का उपयोग करना चाहिए। चन्द्र ग्रह :चन्द्रमा मन का कारक है अत:…

सत्य सनातन है ज्ञानसंजीवनी

समय-समय पर हर व्यक्ति अपने ज्ञान और साधना की शक्ति से सनातन की व्याख्या करता है , किन्तु सनातन को संप्रदाय से जोड़कर ही लोग अपना अर्थ बताते हैं, हमारे…

जानिए शनिदेव का आपके जीवन पर प्रभाव

श्री शनिदेव भगवान सूर्यनारायण के पुत्र हैं और पिता-पुत्र में शत्रुतापूर्ण व्यवहार है। शनिदेव सूर्यनारायणके शत्रु हैं शनिदेव एक ऐसे ग्रह हैं जिनके प्रभाव से संसार का कोई प्राणी बच…

शनि प्रदोष व्रत आज

ऐसे करें पूजन, दूर हो जाएंगे सभी कष्ट शनि प्रदोष व्रत के दिन शनि भगवान की पूजा होती है। काला तिल, काला वस्त्र, तेल, उड़द शनि को बहुत प्रिय हैं।…

दिशा शूल

यात्रा सभी लोग करते हैं। कोई व्यापार के लिए, कोई धार्मिक कार्य के लिए, कोई मांगलिक कार्य के लिए अथवा कोई किसी महत्वपूर्ण खरीददारी के लिए। कभी-कभी यात्रा सुखमय होती…

इस प्रकार करें घर मे रोज की पूजा”

पूजा हमेशा पूर्व या उत्तर की ओर मुँह करके करनी चाहिये, हो सके तो सुबह 6 से 8 बजे के बीच में करें। पूजा जमीन पर आसन पर बैठकर ही…

प्रेत योनि से मुक्ति दिलाती है कामदा एकादशी

कामदा एकादशी चैत्र शुक्लपक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस साल यह एकादशी 23 अप्रैल, शुक्रवार को मनाई जाएगी। चैत्र नवरात्रि और राम नवमी के बाद यह पहली एकादशी…

त्रिपुर भैरवी स्तोत्रम्

त्रिपुर भैरवी – भैरवी योगेश्वरी रूप उमा हैं तथा जगत का मूल कारण हैं। एक कथानुसार जब शिव का मन उच्चटित होता है, तो वह पार्वती से कहीं दूर जाना…

।।श्रीअम्बाष्टकम्।।

चेटीभवन्निखिलखेटीकदम्बतरुवाटीषु नाकपटली वनवाटीषु,कोटीरचारुतरकोटीमणीकिरणकोटीकरम्बितपदा ।पाटीरगन्धिकुचशाटीकवित्वपरिपाटीमगाधिपसुता,घोटीकुलादधिकधाटीमुदारमुखवीटीरसेन तनुताम् ॥ कूलातिगामिभयतूलावलीज्वलनकीला निजस्तुतिविधौ,कोलाहलक्षपितकालामरीकुशलकीलालपोषणनभः ।कलशकीलाल स्थूला कुचे जलदनीला कचे कलितलीला,कदम्बविपिने शूलायुधप्रणतिशीला विभातु हृदि शैलाधिराजतनया ॥ भवतु यत्राशयो लगति तन्नागजा वसतु कुत्रापि निस्तुलशुका तत्रागजा,सुत्रामकालमुखसत्राशनप्रकरसुत्राणकारिचरणा ।छत्रानिलातिरयपत्राभिरामगुणमित्रामरीसमवधूः,कुत्रासहन्मणिविचित्राकृतिः स्फुरितपुत्रादिदाननिपुणा ॥…

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