स्वयं को मजबूत स्तम्भ देने के लिए सतत अभ्यास की आवश्यकता (-अभिषेक तिवारी)
एक ऋषी रोज की तरह अपने पीतल के लोटे को मांज रहे थे। काफी देर तक लोटा मांजने के बाद जब वह उठे तो उनके एक शिष्य ने सवाल किया…
एक ऋषी रोज की तरह अपने पीतल के लोटे को मांज रहे थे। काफी देर तक लोटा मांजने के बाद जब वह उठे तो उनके एक शिष्य ने सवाल किया…
सत्यं ब्रूयात्प्रियं ब्रूयान्न ब्रूयात्सत्यमप्रियम्।प्रियं च नानृतं ब्रूयादेष धर्म: सनातन:।।मनु स्मृति ४/१३८ मनुष्य सत्य बोले। प्रिय बोले। अप्रिय सत्य न बोले। प्रिय भी असत्य न बोले। यही सनातन (चिरकाल से चला…
दसवाँ अवतार कल्कि नाम से शस्त्रधारी मानव-रूप में होगा। यही है दशावतार का क्रम। इसमें सृष्टि का क्रमिक विकास छिपा हुआ है। विज्ञान की दृष्टि से भी इसका महत्त्व है।…
“प्रातःकालीन सूर्यदेव स्वास्थ्यप्रद पोषक तत्वों को लाकर जीवों को प्रदान करते हैं। ज्ञानी मनुष्य इस तथ्य से परिचित होते हैं एवं वे सूर्योदय से पूर्व उठकर सूर्यरश्मियों से सन्निहित प्राणतत्व…
सूने तथा निर्जन घर में अकेला नहीं सोना चाहिए। देव मन्दिर और श्मशान में भी नहीं सोना चाहिए। (मनुस्मृति) किसी सोए हुए मनुष्य को अचानक नहीं जगाना चाहिए। (विष्णुस्मृति) विद्यार्थी,…
जयति भूमिजा-रमण-पदकंज-मकरंद-रस- रसिक-मधुकर भरत भूरिभागी।भुवन-भूषण, भानुवंश-भूषण, भूमिपाल- मनि रामचंद्रानुरागी ॥ १ ॥ जयति विबुधेश-धनदादि-दुर्लभ-महा- राज-संम्राज-सुख-पद-विरागी।खड्ग-धाराव्रती-प्रथमरेखा प्रकट शुद्धमति-युवति पति-प्रेमपागी ॥ २ ॥ जयति निरुपाधि-भक्तिभाव-यंत्रित-ह्रदय , बंधु-हित चित्रकुटाद्रि-चारी।पादुका-नृप-सचिव,पुहुमि-पालक परम धरम-धुर-धीर, वरवीर भारी…