Category: श्री राधे कृष्ण

श्री कृष्ण चालीसा

॥ दोहा॥वंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम।अरुण अधर जनु बिम्बफल,नयन कमल अभिराम॥पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख,पीताम्बर शुभ साज।जय मनमोहन मदन छवि,कृष्णचन्द्र महाराज॥॥ चौपाई ॥जय यदुनंदन जय जगवंदन।जय वसुदेव देवकी नन्दन॥जय…

मन की वासनाओं को दूर करती है श्रीमद्भगवद्गीता

मलनिर्मोचनं पुंसां जलस्नानं दिने दिने ।सकृद्गीतांभसि स्नानं संसारमलनाशनम्  ।। (जल में प्रतिदिन किया हुआ स्नान मनुष्यों के केवल शारीरिक मल का नाश करता है, परन्तु गीताज्ञानरूप जल में एक बार…

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