Category: श्रीमती मणि बेन द्विवेदी

कर दो बेड़ा पार कन्हैया-भजन

वो मुरलीधर कान्हा रसिया जब जब मुरली बाजेसुध बुध मेरी खो जाती है प्रेम मगन रंग राचे।काम काज सब बिसरे दिल से ये जियरा तड़पाए।वो वैरी कान्हा रंग रसिया जब…

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