Category: शिव पार्वती

       ॥शिवस्तुतिः॥
     छन्दः- पञ्चचामरम् (शिवताण्डववत्)

ककारादारभ्य ज्ञकारान्ता शिवस्तुतिः   ( क से लेकर ज्ञ तक प्रत्येक वर्ण से आरम्भ )     लेखकः- आचार्यो विवेककुमारपाण्डेयः    [प्रधानाचार्यः- वेदश्रीतपोवनगुरुकुलम्]      चैत्रशुक्लत्रयोदशी- २१/०४/२०२४ करोतु नश्शिवं शिवः शिवाभिवन्दितो विभुःगणेशकार्तिकेयतातनाथसर्वसम्प्रभुः।कृपाम्बुधे प्रभो शिवो वितन्यतां…

पंचामृत अभिषेक Panchamrit Abhishek

क्षीराभिषेकंआप्या॑यस्व॒ समे॑तु ते वि॒श्वत॑स्सोम॒वृष्णि॑यम् । भवा॒वाज॑स्य सङ्ग॒धे ॥ क्षीरेण स्नपयामि ॥ दध्याभिषेकंद॒धि॒क्रावण्णो॑ अ॒कारिषं॒ जि॒ष्णोरश्व॑स्य वा॒जिनः॑ । सु॒र॒भिनो॒ मुखा॑कर॒त्प्रण॒ आयूग्ं॑षितारिषत् ॥ दध्ना स्नपयामि ॥ आज्याभिषेकंशु॒क्रम॑सि॒ ज्योति॑रसि॒ तेजो॑ऽसि दे॒वोवस्स॑वितो॒त्पु॑ना॒ त्वच्छि॑द्रेण प॒वित्रे॑ण॒ वसो॒…

श्री शिव चालीसा

॥ दोहा॥जय गणेश गिरिजा सुवन,मंगल मूल सुजान।कहत अयोध्यादास तुम,देहु अभय वरदान।।॥ चौपाई ॥जय गिरिजापति दीन दयाला,सदा करत सन्तन प्रतिपाला।भाल चन्द्रमा सोहत नीके,कानन कुण्डल नागफनी के।।अंग गौर शिर गंग बहाये,मुण्डमाल तन…

सोलह सोमवार व्रत महात्म्य

सोमवार का व्रत श्रावण, चैत्र, वैसाख, कार्तिक और माघ महीने के शुक्ल पक्ष के पहले सोमवार से शुरू किया जाता है।कहते हैं इस व्रत को १६ सोमवार तक श्रद्धापूर्वक करने…

श्रावणी उपाकर्म :आचार्य अभिजीत

हमारी सनातन वैदिक सामाजिक व्यवस्था में वर्णाश्रम धर्म का विशेष महत्व रहा है।  वर्ण व्यवस्थाओं में भारत का प्राचीन समाज आज की अपेक्षाकृत कहीं अधिक व्यवस्थित एवं अनुशासित था। वर्णव्यवस्था…

श्रीशिवापराधक्षमापण स्तोत्रम्

आदौ कर्मप्रसङ्गात्कलयति कलुषं मातृकुक्षौ स्थितं मां,विण्मूत्रामेध्यमध्ये क्वथयति नितरां जाठरो जातवेदाः ।यद्यद्वै तत्र दुःखं व्यथयति नितरां शक्यते केन वक्तुं,क्षन्तव्यो मेऽपराधः शिव शिव शिव भो श्रीमहादेव शम्भो॥ बाल्ये दुःखातिरेको मललुलितवपुः स्तन्यपाने पिपासा,नो…

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