Category: वेद से सम्बंधित सभी आलेख

वेदवाणी

‘देवस्य त्वा सवितुः प्रसवेश्विनोर्बाहुभ्यां पूष्णो हस्ताभ्याम् । अग्नये जुष्टं गृह्णाम्यग्नीषोमा जुष्टं गृह्णामि ।।’‘भूताय त्वा नारातये स्वरभिविख्येषं दृं हन्तां दुर्याः पृथिव्यामुर्वन्तरिक्षमन्वेमि । पृथिव्यास्त्वा नाभौ सादयाम्यदित्याऽ उपस्थेग्ने हव्यं रक्ष ।।’ (शुक्लयजुर्वेदः –…

शुक्लयजुर्वेद माध्यन्दिन संहिता अध्याय–१-५

शुक्लयजुर्वेद माध्यन्दिन संहिता प्रथमोध्यायः हरिः ॐ इ॒षे त्वो॒र्जे त्वा॑ वा॒यव॑ स्थ दे॒वो व॑: सवि॒ता प्रार्प॑यतु॒ श्रेष्ठ॑तमाय॒ कर्म॑ण॒ आप्या॑यध्व मघ्न्या॒ इन्द्रा॑य भा॒गं प्र॒जाव॑तीरनमी॒वा अ॑य॒क्ष्मा मा व॑ स्ते॒न ई॑शत॒ माघश॑ᳪ सोध्रु॒वा अ॒स्मिन्…

शुक्लयजुर्वेद माध्यन्दिन संहिता अध्याय -१

हरिः ॐ इ॒षे त्वो॒र्जे त्वा॑ वा॒यव॑ स्थ दे॒वो व॑: सवि॒ता प्रार्प॑यतु॒ श्रेष्ठ॑तमाय॒ कर्म॑ण॒ आप्या॑यध्व मघ्न्या॒ इन्द्रा॑य भा॒गं प्र॒जाव॑तीरनमी॒वा अ॑य॒क्ष्मा मा व॑ स्ते॒न ई॑शत॒ माघश॑ᳪ सोध्रु॒वा अ॒स्मिन् गोप॑तौ स्यात ब॒ह्वीर्यज॑मानस्य प॒शून्पा॑हि…

प्राचीन भारतीय विज्ञान

प्राचीन काल में वैदिक सभ्यता तथा ज्ञान विश्व व्यापी था। भारत में सभी प्रकार के विचारों को स्वीकार किया गया, अतः यहाँ विदेशी आक्रमण द्वारा नष्ट होने पर भी ज्ञान…

वैदिक कालीन शिक्षा

शिक्षा का उद्देश्य:शिक्षा के उद्देश्य का पहला उल्लेख ऋग्वेद के 10 वें मंडल में पाया जाता है. इस मंडल के एक सूक्त में कहा गया है कि विद्या का उद्देश्य…

।।महर्षि मनु ।। : डा॰ आशीष पांडेय

भारतीय संविधान अपने नागरिकों को जाति, वर्ण, लिंग के आधार पर भेदभाव का निषेध करता है। संविधान जातिगत भेदभाव तो नहीं मानता परन्तु जातियों को मानता है। जो व्यक्ति जिस…

मानव जीवन में वैदिक दिनचर्या

आइये हम ज्ञान संजीवनी के माध्यम से चतुर्विध पुरुषार्थ ( धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष ) को सिद्ध करने तथा अपने जीवन के उद्देश्य समझने का सार्थक प्रयास करें – आचार्य…

वैदिक शिक्षा

आज के सुशिक्षित मानव ने जीवन यापन हेतु अनेकों व्यवस्थाएं कर ली है। हर प्रकार के सुविधाओं से सम्पन्न हो चुके हैं। विश्राम  हेतु सुंदर भवन है, भवन में आरामदायक…

वाणिज्य पर वैदिक दृष्टिकोण

वेदोनित्यमधीयतां तदुदितं कर्मस्वनुष्ठीयतां, वेद में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष, चार प्रकार के पुरुषार्थ कहे गए हैं,ये चारों मानव जीवन के संतुलन गतिविधयों के लिए बनाया गया है ,जिसमें सर्वप्रथम…

भारतीय संस्कृति एवम् वेद

वेदोsखिलोधर्ममूलं वेद एक ऐसा अपौरुषेय ग्रंथ है जिसमें अनंत काल से चल रही इस सृष्टि को ज्ञान, कर्म, संस्कार इत्यादि जीवनोपयोगी, मोक्षोपयोगी, विषयों का विस्तृत वर्णन किया गया है। इस…

error: Content is protected !!