Category: रामायण से सम्बंधित सभी आलेख

श्रीराम विवाह एक सुन्दर प्रसंग

कनक कलस मनि कोपर रूरे। सुचि सुगंध मंगल जल पूरे॥निज कर मुदित रायँ अरु रानी। धरे राम के आगें आनी॥3॥भावार्थ:-पवित्र, सुगंधित और मंगल जल से भरे सोने के कलश और…

रामचरितमानस में विजय रथ-बिभीषण राम संवाद

रामचरितमानस में शिक्षा ही शिक्षा भरी पड़ी है, इसमें भक्ति के साथ साथ ज्ञान की जो अद्भुत बातें सरल भाषा में भरी हुई है यदि उसे जीवन में उतारा जाय…

श्रीरामअवतार स्तुति

छंद:भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,कौसल्या हितकारी ।हरषित महतारी, मुनि मन हारी,अद्भुत रूप बिचारी ॥ लोचन अभिरामा, तनु घनस्यामा,निज आयुध भुजचारी ।भूषन बनमाला, नयन बिसाला,सोभासिंधु खरारी ॥ कह दुइ कर जोरी, अस्तुति…

श्री रामचरितमानस षष्ठ सोपान – लंकाकाण्ड

श्लोकरामं कामारिसेव्यं भवभयहरणं कालमत्तेभसिंहंयोगीन्द्रं ज्ञानगम्यं गुणनिधिमजितं निर्गुणं निर्विकारम्।मायातीतं सुरेशं खलवधनिरतं ब्रह्मवृन्दैकदेवंवन्दे कन्दावदातं सरसिजनयनं देवमुर्वीशरूपम्।।1।।शंखेन्द्वाभमतीवसुन्दरतनुं शार्दूलचर्माम्बरंकालव्यालकरालभूषणधरं गंगाशशांकप्रियम्।काशीशं कलिकल्मषौघशमनं कल्याणकल्पद्रुमंनौमीड्यं गिरिजापतिं गुणनिधिं कन्दर्पहं शङ्करम्।।2।।यो ददाति सतां शम्भुः कैवल्यमपि दुर्लभम्।खलानां दण्डकृद्योऽसौ शङ्करः शं…

श्री रामचरितमानस तृतीय सोपान – अरण्यकाण्ड

श्लोकमूलं धर्मतरोर्विवेकजलधेः पूर्णेन्दुमानन्ददंवैराग्याम्बुजभास्करं ह्यघघनध्वान्तापहं तापहम्।मोहाम्भोधरपूगपाटनविधौ स्वःसम्भवं शङ्करंवन्दे ब्रह्मकुलं कलंकशमनं श्रीरामभूपप्रियम्।।1।।सान्द्रानन्दपयोदसौभगतनुं पीताम्बरं सुन्दरंपाणौ बाणशरासनं कटिलसत्तूणीरभारं वरम्राजीवायतलोचनं धृतजटाजूटेन संशोभितंसीतालक्ष्मणसंयुतं पथिगतं रामाभिरामं भजे।।2।। सो0-उमा राम गुन गूढ़ पंडित मुनि पावहिं बिरति।पावहिं मोह बिमूढ़…

देवी अहिल्या का उद्धार

आप जानते हैं, कि किस तरह विश्वामित्र जी राम और लक्ष्मण को दशरथ जी से मांग कर ले आये और तड़का, मारीच और सुबाहु का भगवान ने वध कर दिया।…

श्री राम स्तुति (अत्रि ऋषि द्वारा रचित- रामचरतिमानस अरण्यकाण्ड)

नमामि भक्त वत्सलं, कृपालु शील कोमलं।भजामि ते पदांबुजं, अकामिनां स्वधामदं॥भावार्थ : हे प्रभु! आप भक्तों को शरण देने वाले है, आप सभी पर कृपा करने वाले है, आप अत्यंत कोमल…

रावण की सभा में हनुमान जी का निर्भय वक्तव्य

महावीर हनुमान जी को इन्द्रजीत मेघनाद ने बन्दी बना कर लंकाधिपति राक्षसेश्वर रावण के सम्मुख ला उपस्थित कर दिया। सभी लोग समझ रहे थे कि अब हनुमान की मृत्यु होने…

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