Category: चालीसा संग्रह

यहाँ चालीसा सभी देवी देवताओं की पढ़ें

श्रीतुलसी चालीसा

॥ दोहा॥जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी।नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥श्री हरि शीश बिरजिनी, देहु अमर वर अम्ब।जनहित हे वृन्दावनी अब न करहु विलम्ब॥॥ चौपाई ॥धन्य धन्य…

श्रीविन्ध्येश्वरी चालीसा

॥ दोहा ॥नमो नमो विन्ध्येश्वरी,नमो नमो जगदम्ब ।सन्तजनों के काज में,करती नहीं विलम्ब ॥।।चौपाई।।जय जय जय विन्ध्याचल रानी।आदिशक्ति जगविदित भवानी॥सिंहवाहिनी जै जगमाता।जै जै जै त्रिभुवन सुखदाता॥कष्ट निवारण जै जगदेवी।जै जै…

श्रीनर्मदा चालीसा

॥ दोहा॥देवि पूजित, नर्मदा, महिमा बड़ी अपार।चालीसा वर्णन करत, कवि अरु भक्त उदार॥इनकी सेवा से सदा, मिटते पाप महान।तट पर कर जप दान नर, पाते हैं नित ज्ञान॥॥ चौपाई ॥जय-जय-जय…

श्रीगंगा चालीसा

॥ दोहा॥जय जय जय जग पावनी,जयति देवसरि गंग।जय शिव जटा निवासिनी,अनुपम तुंग तरंग॥॥ चौपाई ॥जय जय जननी हरण अघ खानी।आनंद करनि गंग महारानी॥जय भगीरथी सुरसरि माता।कलिमल मूल दलनि विख्याता॥जय जय…

श्रीशीतला चालीसा

॥ दोहा॥जय जय माता शीतला, तुमहिं धरै जो ध्यान।होय विमल शीतल हृदय, विकसै बुद्धी बल ज्ञान।।घट -घट वासी शीतला, शीतल प्रभा तुम्हार।शीतल छइयां में झुलई, मइयां पलना डार।।॥ चौपाई ॥जय-जय-…

श्रीमहाकाली चालीसा

॥ दोहा॥मात श्री महाकालिका ध्याऊँ शीश नवाय।जान मोहि निजदास सब दीजै काज बनाय॥॥ चौपाई ॥नमो महा कालिका भवानी।महिमा अमित न जाय बखानी॥तुम्हारो यश तिहुँ लोकन छायो।सुर नर मुनिन सबन गुण…

श्री माँ अन्नपूर्णा चालीसा

॥ दोहा॥विश्वेश्वर पदपदम की रज निज शीश लगाय ।अन्नपूर्णे, तव सुयश बरनौं कवि मतिलाय ।॥ चौपाई ॥नित्य आनंद करिणी माता,वर अरु अभय भाव प्रख्याता।जय ! सौंदर्य सिंधु जग जननी,अखिल पाप…

श्रीसन्तोषी चालीसा

॥ दोहा॥श्री गणपति पद नाय सिर,धरि हिय शारदा ध्यान।संतोषी मां की करुँ,कीर्ति सकल बखान॥॥ चौपाई ॥जय संतोषी मां जग जननी,खल मति दुष्ट दैत्य दल हननी।गणपति देव तुम्हारे ताता,रिद्धि सिद्धि कहलावहं…

श्रीवैष्णो चालीसा

॥ दोहा॥गरुड़ वाहिनी वैष्णवी त्रिकुटा पर्वत धाम।काली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम।।॥ चौपाई ॥नमो: नमो: वैष्णो वरदानी,कलि काल मे शुभ कल्याणी।मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी,पिंडी रूप में हो अवतारी॥देवी देवता…

श्रीराधा चालीसा

॥ दोहा॥श्री राधे वुषभानुजा भक्तनि प्राणाधार।वृन्दावन विपिन विहारिणी प्रणवों बारम्बार।।जैसो तैसो रावरौ कृष्ण प्रिया सुखधाम।चरण शरण निज दीजिये सुन्दर सुखद ललाम।।॥ चौपाई ॥जय वृषभानु कुँवरी श्री श्यामा।कीरति नंदिनी शोभा धामा।।नित्य…

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