Category: आरती एवं भजन संग्रह

महामारी निवारणार्थ त्रिपुरारी वन्दना।

हे त्रिपुरारी त्याग समाधि,बुला रही है प्रजा दुखारी।आशुतोष हे औघण दानी,कृपा करो प्रभु अंतर्यामी ।। फैली बहुत बडी बीमारी,मरती सब संतान तुम्हारी।फैल रहा विष धरा दुखारी,जागो मृत्युञ्जय त्रिपुरारी।। मङ्गल भवन…

कर दो बेड़ा पार कन्हैया-भजन

वो मुरलीधर कान्हा रसिया जब जब मुरली बाजेसुध बुध मेरी खो जाती है प्रेम मगन रंग राचे।काम काज सब बिसरे दिल से ये जियरा तड़पाए।वो वैरी कान्हा रंग रसिया जब…

श्रीरामअवतार स्तुति

छंद:भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,कौसल्या हितकारी ।हरषित महतारी, मुनि मन हारी,अद्भुत रूप बिचारी ॥ लोचन अभिरामा, तनु घनस्यामा,निज आयुध भुजचारी ।भूषन बनमाला, नयन बिसाला,सोभासिंधु खरारी ॥ कह दुइ कर जोरी, अस्तुति…

श्रीरामायण जी की आरती

आरति श्रीरामायनजी की। कीरति कलित ललित सिय पी की।।गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद। बालमीक बिग्यान बिसारद।सुक सनकादि सेष अरु सारद। बरनि पवनसुत कीरति नीकी।।1।। गावत बेद पुरान अष्टदस। छओ सास्त्र सब…

श्रीकृष्ण भगवान की आरती

ॐ जय श्री कृष्ण हरे,प्रभु जय श्री कृष्ण हरे।भक्तन के दुख सारे पल में दूर करे।।।।ॐ जय श्री कृष्ण हरे।।परमानंद मुरारी मोहन गिरधारी।जय रास बिहारी जय जय गिरधारी।।।।ॐजय श्री कृष्ण…

नीलगगन में उड़ जाऊं

काव्य रचनासुंदर संदेशात्मक अपने मन को पंक्षी बनाकर,नीलगगन उड़ जाऊँ ।उड़ उड़ के मैं हर मानव को,ये संदेश सुनाऊँ ।मानव बनकर तुमनेयह कैसा कोहराम मचायामार काट क्यों मचा रहे होये…

श्रीसूर्य भगवान की आरती

जय कश्यप-नन्दन,ॐ जय अदिति नन्दन।त्रिभुवन – तिमिर – निकन्दन,भक्त-हृदय-चन्दन॥॥जय कश्यप-नन्दन .. ॥सप्त-अश्वरथ राजित,एक चक्रधारी।दु:खहारी, सुखकारी,मानस-मल-हारी॥॥ जय कश्यप-नन्दन .. ॥सुर – मुनि – भूसुर – वन्दित,विमल विभवशाली।अघ-दल-दलन दिवाकर,दिव्य किरण माली॥॥जय कश्यप-नन्दन…

यह कदंब का पेड़

यह कदंब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे।मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे॥ ला देतीं यदि मुझे बांसुरी तुम दो पैसे वाली।किसी तरह नीची हो जाती यह…

श्रीतुलसी माता की आरती

जय जय तुलसी माता,सब जग की सुखदाता ।॥ जय जय तुलसी माता।|सब योगों के ऊपर,सब लोगों के ऊपर,रुज से रक्षा करके भव त्राता।॥ जय जय तुलसी माता।|बटु पुत्री है श्यामा,सूर…

श्री तुलसी माता की आरती

जय जय तुलसी माता,सब जग की सुखदाता।॥ जय जय तुलसी माता।।सब योगों के ऊपर,सब लोगों के ऊपर,रुज से रक्षा करके भव त्राता।॥ जय जय तुलसी माता।।बटु पुत्री है श्यामा,सूर बल्ली…

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