Category: आचार्य अभिजीत

श्रावणी उपाकर्म

श्रावणी उपाकर्म के तीन पक्ष है :– प्रायश्चित्त संकल्प, संस्कार और स्वाध्याय। प्रायश्चित्त संकल्प : इसमें हेमाद्रि स्नान संकल्प। गुरु के सान्निध्य में ब्रह्मचारी गोदुग्ध, दही, घृत, गोबर और गोमूत्र…

दामोदर द्वादशी का व्रत आज

मोक्ष की राह आसान करता है यह व्रत आज यानी 19 अगस्त को श्रद्धालु दामोदर द्वादशी का व्रत करेंगे। भारतीय धर्म ग्रंथों के अनुसार दामोदर द्वादशी का व्रत भगवान विष्णु…

प्रेरक कथा -एक वैश्य और उसके पुत्र की कथा

एक वैश्य ने लाखों-करोड़ों रुपये कमाए और अपने धन में से चार-चार लाख रुपये अपने पुत्रों को देकर, उनकी अलग-अलग दुकाने करवा दीं । शेष धन उसने दीवारों में चुनवा…

नाग पंचमी पर विशेष

ऊँ नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु ये अन्तरिक्षे ये दिवि तेभ्यः सर्पेभ्यो नम।     (शु०य०वे) सनातन धर्म में प्रकृति पूजा की शास्त्र सम्मत परंपराएं अलग अलग मास के अलग अलग मुहूर्त…

आदिशंङ्कराचार्यकृत प्रश्नोत्तरमाला

अपारसंसार समुद्रमध्ये सम्मज्जतो मे शरणं किमस्ति।गुरो कृपालो कृपया वदैतद्विश्वेशपादाम्बुजदीर्घनौका। १ । प्र: हे दयामय गुरुदेव ! कृपा करके यह बताइये कि अपार संसार रुपी समुद्र में मुझ डूबते हुए का…

भरतकवचम्

अगस्तिरुवाच-अतः परं भरतस्य कवचं ते वदाम्यहम् ।सर्वपापहरं पुण्यं सदा श्रीरामभक्तिदम् ॥ १॥ कैकेयीतनयं सदा रघुवरन्यस्तेक्षणं श्यामलंसप्तद्वीपपतेर्विदेहतनयाकान्तस्य वाक्ये रतम् ।श्रीसीताधवसव्यपार्श्वनिकटे स्थित्वा वरं चामरंधृत्वा दक्षिणसत्करेण भरतं तं वीजयन्तं भजे ॥ २॥ ॐ…

श्रावण शिवरात्रि पर्व

जो  व्रत गृहस्थादि सभी आश्रमों को सुख प्रदान करने वाला हो, उस शिवरात्रि  व्रत का माहात्म्य आपको अनेकों ग्रंथों का खोज  पश्चात हम ज्ञान ज्ञान संजीवनी डिजिटल पत्रिका द्वारा  सुलभता…

अध्यात्मरामायणे अयोध्याकाण्डम्

॥ प्रथमः सर्गः ॥ एकदा सुखमासीनं रामं स्वान्तःपुराजिरे ।सर्वाभरणसम्पन्नं रत्नसिंहासने स्थितम् ॥ १॥ नीलोत्पलदलश्यामं कौस्तुभामुक्तकन्धरम् ।सीतया रत्नदण्डेन चामरेणाथ वीजितम् ॥ २॥ विनोदयन्तं ताम्बूलचर्वणादिभिरादरात् ।नारदोऽवतरद्द्रष्टुमम्बराद्यत्र राघवः ॥ ३॥ शुद्धस्फटिकसङ्काशः शरच्चन्द्र इवामलः…

भगवती गंगा अवतरण की कथा

गंगा, जाह्नवी और भागीरथी कहलानी वाली ‘गंगा नदी’ भारत की सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। यह मात्र एक जल स्रोत नहीं है, बल्कि भारतीय मान्यताओं में यह नदी…

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