Category: आचार्य अभिजीत

डाकू रत्नाकर और देवर्षि नारद की कहानी

एक पौराणिक कथानक है। एक समय की बत है रत्नाकर नाम का एक डाकू (दस्यु) हुआ करता था। अपने परिवार के भरण पोषण के लिए रत्नाकर चोरी, लूटपाट और राहगीरों…

त्याग का रहस्य

एक बार महर्षि नारद ज्ञान का प्रचार करते हुए किसी सघन बन में जा पहुँचे। वहाँ उन्होंने एक बहुत बड़ा घनी छाया वाला सेमर का वृक्ष देखा और उसकी छाया…

श्रावणी उपाकर्म :आचार्य अभिजीत

हमारी सनातन वैदिक सामाजिक व्यवस्था में वर्णाश्रम धर्म का विशेष महत्व रहा है।  वर्ण व्यवस्थाओं में भारत का प्राचीन समाज आज की अपेक्षाकृत कहीं अधिक व्यवस्थित एवं अनुशासित था। वर्णव्यवस्था…

बहनें अपनी राशि अनुसार रक्षा सूत्र अपने भाई के हाथों में बांधे

लाल किताब के मत अनुसार जिस भी ग्रह को चौथे घर में भेजना होता है उसको हम हाथ में धारण करते हैं।चौथा भाव माता का होता है। माता के द्वारा…

सनातन का प्रतीक है रक्षा बंधन त्योहार (रक्षा बंधन 2020 विशेष)

०३ अगस्त, २०२० को  पूर्णिमा तिथि में रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाएगा ।आइए सबसे पहले येजानते है कि पूर्णिमा कब से  प्रारम्भ होकर कब तक है =२/अगस्त, २०२० को…

यज्ञोपवीत धारण करने का महत्व क्या है ?

आज के व्यस्ततम  युग में अधिकतर यह देखने को मिलता है कि माता-पिता के कहने पर युवा यज्ञोपवीत संस्कार तो करवा लेते हैं लेकिन उसे धारण करके नही रखते  या…

यज्ञोपवीत क्यों धारण करे ?

सनातन वैदिक धर्म व संस्कृति में मनुष्य के 16 संस्कार किये जाने का विधान है। इनमें से एक संस्कार उपनयन संस्कार कहलाता है, जिसे यज्ञोपवीत, जनेऊ, उपवीत, यज्ञसूत्र, व्रतबन्ध, बलबन्ध,…

लिंगाष्टकम्

ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिंगं निर्मलभासित शोभितलिंगम्।जन्मजदु:खविनाशकलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिवलिंगम्।।1।। देवमुनिप्रवरार्चितलिंगं कामदहं करुणाकरलिंगम्।रावणदर्पविनाशन लिंगं तत्प्रणमामि सदाशिवलिंगम् ।।2।। सर्वसुगंधिसुलेपित लिंगं बुद्धि विवर्धनकारणलिंगम् ।सिद्धसुरासुरवंदितलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम्।।3।। कनकमहामणिभूषितलिंगं फणिपति वेष्टित शोभितलिंगम् ।दक्षसुयज्ञविनाशकलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ।।4।। कुंकुमचन्दनलेपितलिंगंं…

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