Category: आचार्य अभिजीत

पातञ्जलयोगसूत्र समाधिपाद:

अथ योगानुशासनम्।।१।।योगश्चित्तवृत्तिनिरोधः।।२।।तदा द्रष्टुः स्वरूपे$वस्थानम्।।३।।वृत्तिसारुप्यमितरत्र।।४।।वृत्तयः पञ्चतय्यः क्लिष्टाक्लिष्टाः।।५।।प्रमाणविपर्ययविकल्पनिद्रास्मृतयः।।६।।प्रत्यक्षानुमानागमाः प्रमाणानि।।७।।विपर्ययोमिथ्याज्ञानमतद्रूपप्रतिष्ठम्।।८।।शब्दज्ञानानुपाती वस्तुशून्यो विकल्पः।।९।।अभावप्रत्ययालम्बना वृत्तिर्निद्रा।।१०।।अनुभूतविषयासम्प्रमोषः स्मृतिः।।११।।अभ्यासवैराग्याभ्यां तन्निरोधः।।१२।।तत्र स्थितौ यत्नोअभ्यासः।।१३।।स तु दीर्घकालनैरन्तर्यसत्कारा$$सेवितो दृढभूमिः।।१४।।दृष्टानुश्रविकविषयवितृष्णस्य वशीकारसंज्ञा वैराग्यम्।।१५।। तत्परं पुरुषख्यातेर्गुणवैतृष्णयम्।।१६।।वितर्कविचारानन्दास्मितानुगमात्सम्प्रज्ञातः।।१७।।विरामप्रत्ययाभ्यासपूर्वः संस्कारशेषो$न्यः।।१८।।भवप्रत्ययो विदेहप्रकृतिलयानाम।।१९।।श्रद्धावीर्यस्मृतिसमाधिप्रज्ञापूर्वक इतरेषाम्।।२०।।तीव्रसंवेगानामासन्नः।।२१।।मृदुमध्याधिमात्रत्वात्ततो$पि विशेषः।।२२।।ईश्वरप्रणिधानाद्वा।।२३।।क्लेशकर्मविपाकाशयैरपरामृष्टः पुरुषविशेष ईश्वरः।।२४।।तत्र निरतिशयं सर्वज्ञबीजम्।।२५।।पूर्वेषामपि गुरुः कालेनानवच्छेदात्।।२६।।तस्य…

शुक्लयजुर्वेद माध्यन्दिन संहिता अध्याय -१

हरिः ॐ इ॒षे त्वो॒र्जे त्वा॑ वा॒यव॑ स्थ दे॒वो व॑: सवि॒ता प्रार्प॑यतु॒ श्रेष्ठ॑तमाय॒ कर्म॑ण॒ आप्या॑यध्व मघ्न्या॒ इन्द्रा॑य भा॒गं प्र॒जाव॑तीरनमी॒वा अ॑य॒क्ष्मा मा व॑ स्ते॒न ई॑शत॒ माघश॑ᳪ सोध्रु॒वा अ॒स्मिन् गोप॑तौ स्यात ब॒ह्वीर्यज॑मानस्य प॒शून्पा॑हि…

जन्मकुंडली में इन ग्रहों के चाल से बनता है सन्यास योग

ज्योतिष के अंतर्गत जातक की जन्म कुंडली में कई प्रकार के योग होते हैं, जिनका उस पर प्रभाव पड़ता है ऐसा ही एक योग है प्रवज्या यानी संन्यास योग कुंडली…

देहस्थ पञ्चवृत्तियाँ

योगेन चित्तस्य पदेन वाचां।मलं शरीरस्य च वैद्यकेन॥योऽपाकरोत्तमं प्रवरं मुनीनां।पतञ्जलिं प्राञ्जलिरानतोऽस्मि॥ चित्त की वृत्तियों को देखा जाए तो असंख्य है परन्तु योग दर्शन के महान रचनाकार श्री पतजंलि ऋषि ने अपने…

अवसाद निवारण में ग्रहों की भूमिका

इस भाग-दौड़ भरी दुनिया में कोई ऐसा इंसान नही होगा। जिसे किसी तरह की कोई टेंशन न हुई हो। इन्हीं टेंशन के चलते कई लोग डिप्रेशन का शिकार हो जाते…

शनिदेव करेंगे सभी कष्टों से उद्धार!!

ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:सूर्य पुत्रो दीर्घ देहो विशालाक्ष: शिव प्रिय:।मंदाचाराह प्रसन्नात्मा पीड़ां दहतु में शनि:।। शनिदेव अत्यंत विशिष्ट देव हैं। वे ग्रह भी है और देवता भी…

पञ्च भू:संस्कार

वेदी निर्माण-पंचांग पूजन के अनन्तर यथा परिमित तीन कण्ठ युक्त कुण्ड अथवा स्थण्डिल का निर्माण करना चाहिए। कुण्ड के अभाव में बालू से मेखला सहित स्थण्डिल का प्रयोग भी किया…

जीवित्पुत्रिका (जिउतिया) व्रत

जीवित्पुत्रिका (जिउतिया) व्रत का मुहूर्तनहाय खाय- बुधवार 9 सितम्बर 2020 कोव्रत – बृहस्पतिवार, 10 सितम्बर, 2020 को अष्टमी तिथि प्रारम्भ – सितम्बर 10, 2020 को 02:05 ए एम बजेअष्टमी तिथि समाप्त – सितम्बर 11, 2020 को 03:34 ए एम बजे…

हनुमानजी के पंचमुखी रूप की कथा

लंका में महा बलशाली मेघनाद के साथ बड़ा ही भीषण युद्ध चला. अंतत: मेघनाद मारा गया। रावण जो अब तक मद में चूर था राम सेना, खास तौर पर लक्ष्मण…

यह कदंब का पेड़

यह कदंब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे।मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे॥ ला देतीं यदि मुझे बांसुरी तुम दो पैसे वाली।किसी तरह नीची हो जाती यह…

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