जीवन की मजबूत नींव
जो भी मनुष्य ऊँचे कर्म या सर्वोत्तम कर्म करते हैं वे कहीं न कहीं आध्यात्मिकता से जुड़े हुए होते हैं, उनमें कहीं न कहीं आध्यात्मिक अंश,सात्विक अंश अवश्य सामान्य मनुष्य…
जो भी मनुष्य ऊँचे कर्म या सर्वोत्तम कर्म करते हैं वे कहीं न कहीं आध्यात्मिकता से जुड़े हुए होते हैं, उनमें कहीं न कहीं आध्यात्मिक अंश,सात्विक अंश अवश्य सामान्य मनुष्य…
1) बालगणपति – Baalganapati2) भालचन्द्र – Bhalchandra3) बुद्धिनाथ – Buddhinath4) धूम्रवर्ण – Dhumravarna5) एकाक्षर – Ekakshar6) एकदन्त – Ekdant7) गजकर्ण – Gajkarn8) गजानन – Gajaanan9) गजनान – Gajnaan10) गजवक्र –…
कलियुग के कलिकाल में मानव का मानसिक रूप से भटक जाना स्वाभाविक है, क्योंकि इस युग में बात ही कुछ ऐसी है ,आइये मैं आपको आज के कलियुगी मानव के…
सेठ सुजानमल अपने जीवन को आनंद से गुजार रहे थे। एक दिन उन्होंने रात्रि में स्वप्न देखा कि यमराज के दूत उन्हें मारते पीटते हुए कहीं ले जा रहे हैं।…
किसी ने सही ही कहा है कि भगवान के पांव में स्वर्ग होता है। उनके चरणों जैसी पवित्र जगह और कोई नहीं है। इसलिए तो लोग भगवान के चरणों का…
श्री कृष्ण को पूर्णावतार कहा गया है। श्री कृष्ण के जीवन में वह सब कुछ है जिसकी मानव को आवश्यकता होती है। श्री कृष्ण गुरु हैं, तो शिष्य भी। आदर्श…
वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताःराष्ट्र शब्द से आशय उस भूखंड विशेष से हैं जहां के निवासी एक संस्कृति विशेष में आबद्ध होते हैं | एक सुसमृद्ध राष्ट्र के लिए उस का…
सुनसान जंगल में एक लकड़हारे से पानी का लोटा पीकर प्रसन्न हुआ राजा कहने लगा― हे पानी पिलाने वाले ! किसी दिन मेरी राजधानी में अवश्य आना, मैं तुम्हें पुरस्कार…
एक समय शिवजी महाराज, पार्वती के साथ हरिद्वार में घूम रहे थे। पार्वती जी ने देखा कि सहस्त्रों मनुष्य गंगा में नहा-नहाकर “हर-हर गंगे” कहते चले जा रहे हैं परंतु…
भारतीय संविधान अपने नागरिकों को जाति, वर्ण, लिंग के आधार पर भेदभाव का निषेध करता है। संविधान जातिगत भेदभाव तो नहीं मानता परन्तु जातियों को मानता है। जो व्यक्ति जिस…