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रामायण से संबंधित विशेष चर्चा

प्रश्न: सुंदरकांड में रावण सहित प्रत्येक राक्षस के घर को मंदिर और विभीषण जी के घर भवन क्यों कहा गया है? मंदिर मंदिर प्रति करि सोधा। देखे जहँ तहँ अगनित…

पत्नी वामांगी क्यों कहलाती है?

वामांगी_महत्व शास्त्रों में पत्नी को वामंगी कहा गया है, जिसका अर्थ होता है बाएं अंग का अधिकारी। इसलिए पुरुष के शरीर का बायां हिस्सा स्त्री का माना जाता है।इसका कारण…

स्वस्तिक का महत्व ?

स्वास्तिक का चिन्ह किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले हिन्दू धर्म में स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर उसकी पूजा करने का महत्व है। मान्यता है कि ऐसा करने…

गुरु सेवा उपदेश

मैं अपने माता-पिता,शरीर धारी गुरु और चारों पीठों पर विराजमान आदि गुरु शंकराचार्य जी को प्रणाम  करके गुरु की महिमा का वर्णन करता हूं! प्रथम गुरु मनाऊं मैं और मैं…

भगवती गंगा अवतरण की कथा

गंगा, जाह्नवी और भागीरथी कहलानी वाली ‘गंगा नदी’ भारत की सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। यह मात्र एक जल स्रोत नहीं है, बल्कि भारतीय मान्यताओं में यह नदी…

शिखा सूत्र का वैदिक महत्व

सिर के ऊपरी भाग को ब्रह्मांड कहा गया है और सामने के भाग को कपाल प्रदेश। कपाल प्रदेश का विस्तार ब्रह्मांड के आधे भाग तक है। दोनों की सीमा पर…

प्रस्थानत्रयी – परिचय

उपनिषद, गीता और वेदान्त दर्शन(ब्रम्हसूत्र) इन्हें हमारे सनातन धर्म में प्रस्थानत्रयी के नाम से जाना जाता है ।जीव,जगत और ईश्र्वर का प्रतिपादन कर आत्मतत्व के सिद्धान्त की स्थापना इनका मुख्य…

धर्म का त्याग न करें – धर्मो रक्षति रक्षितः

एक दिन बहू ने गलती से यज्ञवेदी में थूक दिया!!! सफाई कर रही थी, मुंह में सुपारी थी, पीक आया तो वेदी में, पर उसे आश्चर्य हुआ कि उतना थूक…

महाराज दिलीप की कथा

रघुवंश का आरम्भ राजा दिलीप से होता है । जिसका बड़ा ही सुन्दर और विशद वर्णन महाकवि कालिदास ने अपने महाकाव्य रघुवंशम में किया है । कालिदास ने राजा दिलीप,…

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