श्रावणी उपाकर्म
श्रावणी उपाकर्म के तीन पक्ष है :– प्रायश्चित्त संकल्प, संस्कार और स्वाध्याय। प्रायश्चित्त संकल्प : इसमें हेमाद्रि स्नान संकल्प। गुरु के सान्निध्य में ब्रह्मचारी गोदुग्ध, दही, घृत, गोबर और गोमूत्र…
श्रावणी उपाकर्म के तीन पक्ष है :– प्रायश्चित्त संकल्प, संस्कार और स्वाध्याय। प्रायश्चित्त संकल्प : इसमें हेमाद्रि स्नान संकल्प। गुरु के सान्निध्य में ब्रह्मचारी गोदुग्ध, दही, घृत, गोबर और गोमूत्र…
हमारी सनातन वैदिक सामाजिक व्यवस्था में वर्णाश्रम धर्म का विशेष महत्व रहा है। वर्ण व्यवस्थाओं में भारत का प्राचीन समाज आज की अपेक्षाकृत कहीं अधिक व्यवस्थित एवं अनुशासित था। वर्णव्यवस्था…