मोक्ष (-डा॰ आशीष पांडेय)
पुरूषार्थ सिध्दान्त में मनुष्य की सभी ईच्छाओं, आवश्यकताओं और उद्देश्यों को चार वर्गो में विभक्त किया गया है – धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष। मनुष्य जीवन का अन्तिम लक्ष्य ‘मोक्ष’ है।…
आओ मिलकर चलें परम शांति की ओर
पुरूषार्थ सिध्दान्त में मनुष्य की सभी ईच्छाओं, आवश्यकताओं और उद्देश्यों को चार वर्गो में विभक्त किया गया है – धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष। मनुष्य जीवन का अन्तिम लक्ष्य ‘मोक्ष’ है।…
प्रसिद्ध देवासुर संग्राम के पश्चात् इस धरा पर दो महाभयंकर विश्वयुद्ध हुए हैं। पहला रोमहर्षक राम-रावण युद्ध और दूसरा महाभयंकर महाभारत युद्ध। इन दोनों महायुद्धों में विश्व के प्राय: सभी…
महर्षि वाल्मीकि ने अपने अमर ग्रन्थ रामायण में समाज जीवन के विभिन्न विषयों पर अनगिनत उपयोगी नीतियों का वर्णन किया है। इस लेख में हम रामायण में वर्णित राजपुरुषों और…
भारतीय शिक्षा का इतिहास भारतीय सभ्यता के इतिहास से जुड़ा है। भारतीय समाज के विकास तथा परिवर्तनों की रूपरेखा में शिक्षा की जगह और उसकी भूमिका को भी निरंतर विकासशील…
चचेरी, ममेरी, फुफेरी, मौसेरी या फुआ, मौसी आदि (दूधशरीकी को छोड़कर) के साथ विवाह को लेकर पश्चिम के देशों में शोध किए गए हैं। इसीतरह का एक शोध ब्रिटेन में…
सत्यं ब्रूयात्प्रियं ब्रूयान्न ब्रूयात्सत्यमप्रियम्।प्रियं च नानृतं ब्रूयादेष धर्म: सनातन:।।मनु स्मृति ४/१३८ मनुष्य सत्य बोले। प्रिय बोले। अप्रिय सत्य न बोले। प्रिय भी असत्य न बोले। यही सनातन (चिरकाल से चला…
आप जिस उद्देश्य की पूर्ति हेतु रुद्राभिषेक करा रहे हैं उसके लिए किस द्रव्य का इस्तेमाल करना चाहिए इसका उल्लेख शिव पुराण में किया गया है। वहीं से उद्धृत कर…
दसवाँ अवतार कल्कि नाम से शस्त्रधारी मानव-रूप में होगा। यही है दशावतार का क्रम। इसमें सृष्टि का क्रमिक विकास छिपा हुआ है। विज्ञान की दृष्टि से भी इसका महत्त्व है।…
त्रि + अम्बक = त्र्यम्बक का सामान्य अर्थ होता है तीन आँखों वाला। यह शब्द मृत्युंजय/ महामृत्युंजय मंत्र में आया है- ”त्र्यंबकं यजामहे…”। अबि (अम्ब) शब्दे – अष्टा. :१/२६२ सूत्र…