Category: ज्ञानसंजीवनी

शारदीय नवरात्र २०२० : जाने किस दिन किस देवी की पूजा करें

17 अक्टूबर (शनिवार) प्रतिपदा घट स्थापन एव माँ शैलपुत्री पूजा 18 अक्टूबर (रविवार) द्वितीया माँ ब्रह्मचारिणी पूजा 19 अक्टूबर (सोमवार) तृतीया माँ चंद्रघंटा पूजा 20 अक्टूबर (मंगलवार) चतुर्थी माँ कुष्मांडा…

सोम प्रदोष व्रत कथा एवं सम्पूर्ण विधि

सोम प्रदोष व्रत का महत्वसोम प्रदोष व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। यह व्रत करने से शिव जी अपने भक्तों पर हमेशा कृपा बनाए रखते…

चतुःश्लोकी भागवत् : अर्थ सहित

इन चार श्लोकों में है पूरी भागवत कथा, आप भी पढ़िएपुराणों के मुताबिक, इस चतु:श्लोकी भागवत के पाठ करने या फिर सुनने से मनुष्य के अज्ञान जनित मोह और मदरूप…

एकादशी व्रत कथा: पद्मिनी एकादशी

पद्मिनी एकादशी व्रत कथा एवं विधि पद्मिनी एकादशी माहात्म्य अर्जुन ने कहा: हे भगवन् ! अब आप अधिक ( पुरुषोत्तम) मास की शुक्लपक्ष की एकादशी के विषय में बतायें, उसका…

शंकराचार्य कृत श्रीगोविन्दाष्टकं

सत्यं ज्ञानमनन्तं नित्यमनाकाशं परमाकाशंगोष्ठप्रांगणरिंगणलोलमनायासं परमायासम्।मायाकल्पितनानाकारमनाकारं भुवनाकारंक्ष्माया नाथमनाथं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम्।।१।। मृत्स्नामत्सीहेति यशोदाताडनशैशवसंत्रासंव्यादितवक्त्रालोकितलोकालोकचतुर्दशलोकालिम्।लोकत्रयपुरमूलस्तम्भं लोकालोकमनालोकंलोकेशं परमेशं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम्।।२।। त्रैविष्टपरिपुवीरघ्नं क्षितिभारघ्नं भवरोगघ्नंकैवल्यं नवनीताहारमनाहारं भुवनाहारम्।वैमल्यस्फुटचेतोवृत्तिविशेषाभासमनाभासंशैवं केवलशान्तं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम्।।३।। गोपालं भूलीलाविग्रहगोपालं कुलगोपालंगोपीखेलनगोवर्धनधृतिलीलालालितगोपालम्।गोभिर्निगदितगोविन्दस्फुटनामानं बहुनामानंगोपीगोचरदूरं प्रणमत गोविन्दं परमानन्दम्।।४।। गोपीमण्डलगोष्ठीभेदं भेदावस्थमभेदाभंशश्वद्गोखुरनिर्धूतोद्धतधूलीधूसरसौभाग्यम्।श्रद्धाभक्तिगृहीतानन्दमचिन्त्यं चिन्तितसद्भावंचिन्तामणिमहिमानंप्रणमतगोविन्दं…

श्रीतुलसी चालीसा

॥ दोहा॥जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी।नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥श्री हरि शीश बिरजिनी, देहु अमर वर अम्ब।जनहित हे वृन्दावनी अब न करहु विलम्ब॥॥ चौपाई ॥धन्य धन्य…

कौपीन पंचकम्

वेदान्तवाक्येषु सदा रमन्तोभिक्षान्नमात्रेण च तुष्टिमन्तः।विशोकमन्तःकरणे चरन्तःकौपीनवन्तः खलु भाग्यवन्तः।।१।। मूलं तरोः केवलमाश्रयन्तःपाणिद्वयं भोक्तुममन्त्रयन्तः।कन्थामिव श्रीमपि कुत्सयन्तःकौपीनवन्तः खलु भाग्यवन्तः।।२।। स्वानन्दभावे परितुष्टिमन्तःसुशान्तसर्वेन्द्रियवृत्तिमन्तः।अहर्निशं ब्रह्मसुखे रमन्तःकौपीनवन्तः खलु भाग्यवन्त:।।३।। देहादिभावं परिवर्तयन्तःस्वात्मानमात्मन्यवलोकयन्तः।नान्तं न मध्यं न बहिः स्मरन्तःकौपीनवन्तः खलु…

तुमने मुझको जीवन देकर ये सारा संसार दिया है : भजन

तर्ज—अहसान तेरा होगा मुझपर,दिल कहता है सो कहने दो—–. बड़ी करूणा प्रभु होगी मुझपर,जो तुम मुझको अपनाओगे—2मुझे तुमसे लगन अब लग गयी है,मुझे अपनी शरण में आने दो—2 अपना बनालो…

श्रीराधाष्टकम्

नमस्ते श्रियै राधिकायै परायैनमस्ते नमस्ते मुकुन्दप्रियायै।सदानन्दरूपे प्रसीद त्वमन्त:-प्रकाशे स्फुरन्ती मुकुन्देन सार्धम् ।।१।।  श्रीराधिके! तुम्हीं श्री लक्ष्मी हो, तुम्हें नमस्कार है, तुम्हीं पराशक्ति राधिका हो, तुम्हें नमस्कार है। तुम मुकुन्द की…

शुक्लयजुर्वेद माध्यन्दिन संहिता अध्याय–१-५

शुक्लयजुर्वेद माध्यन्दिन संहिता प्रथमोध्यायः हरिः ॐ इ॒षे त्वो॒र्जे त्वा॑ वा॒यव॑ स्थ दे॒वो व॑: सवि॒ता प्रार्प॑यतु॒ श्रेष्ठ॑तमाय॒ कर्म॑ण॒ आप्या॑यध्व मघ्न्या॒ इन्द्रा॑य भा॒गं प्र॒जाव॑तीरनमी॒वा अ॑य॒क्ष्मा मा व॑ स्ते॒न ई॑शत॒ माघश॑ᳪ सोध्रु॒वा अ॒स्मिन्…

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