Category: ज्ञानसंजीवनी

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता अध्याय-१२

भक्ति-योगसाकार और निराकार रूप से भगवत्प्राप्ति अर्जुन उवाच एवं सततयुक्ता ये भक्तास्त्वां पर्युपासते ।ये चाप्यक्षरमव्यक्तं तेषां के योगवित्तमाः ॥१ भावार्थ : अर्जुन ने पूछा – हे भगवन! जो विधि आपने…

दारिद्र्य दु:ख दहन शिव स्तोत्र

विश्वेश्वराय नरकार्णव तारणायकर्णामृताय शशिशेखर धारणायकर्पूरकांति धवलाय जटाधरायदारिद्र्य दु:ख दहनाय नम: शिवाय… गौरी प्रियाय रजनीशकलाधरायकालान्तकाय भुजगाधिप कंकणायगंगाधराय गजराज विमर्दनायदारिद्र्य दु:ख दहनाय नम: शिवाय… भक्तिप्रियाय भवरोग भयापहायउग्राय दुर्गभवसागर तारणायज्योतिर्मयाय गुणनाम सुनृत्यकायदारिद्र्य दु:ख…

होली का उत्तम मुहूर्त एवं विशेष संयोग

सदैव की तरह इस वर्ष भी फाल्गुन शुक्लपक्ष की पूर्णिमा के दिन होलिका-दहन होगा. इस वर्ष होलिका-दहन पर कई दुर्लभ योग के संयोग बन रहे हैं, जो पर्व के साथ-साथ…

भारतीय पर्व एवम अवकाश कैलेंडर 2021

जनवरी 2021 त्यौहार 1 शुक्रवार नव वर्ष 13 बुधवार लोहड़ी 14 गुरुवार पोंगल , उत्तरायण , मकर संक्रांति 23 शनिवार सुभाष चन्द्र बोस जयन्ती 26 मंगलवार गणतन्त्र दिवस फरवरी 2021 त्यौहार 16 मंगलवार बसंत…

ज्ञानयोग और कर्मयोग के अनुसार अनासक्त भाव से नियत कर्म करने की श्रेष्ठता का निरूपण :पं. तिवारी हर्षदेव शास्त्री

अर्जुन उवाचज्यायसी चेत्कर्मणस्ते मता बुद्धिर्जनार्दन ।तत्किं कर्मणि घोरे मां नियोजयसि केशव ॥भावार्थ : अर्जुन बोले- हे जनार्दन! यदि आपको कर्म की अपेक्षा ज्ञान श्रेष्ठ मान्य है तो फिर हे केशव!…

अद्वैतवाद

( अद्वैतवाद : संस्कृत शब्द, अर्थात एकत्ववाद )या दो न होना), भारत के सनातन दर्शन वेदांत के सबसे प्रभावशाली मतों में से एक। इसके अनुया यी मानते है कि उपनिषदों…

॥अथ बरूथिनी एकादशी माहात्म्य॥

धर्मराज युधिष्ठिर बोले – हे भगवान वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम तथा उसकी विधि क्या है ? और उससे कौन से फल की प्राप्ति होती है…

श्रीरामअवतार स्तुति

छंद:भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,कौसल्या हितकारी ।हरषित महतारी, मुनि मन हारी,अद्भुत रूप बिचारी ॥ लोचन अभिरामा, तनु घनस्यामा,निज आयुध भुजचारी ।भूषन बनमाला, नयन बिसाला,सोभासिंधु खरारी ॥ कह दुइ कर जोरी, अस्तुति…

श्रीरामायण जी की आरती

आरति श्रीरामायनजी की। कीरति कलित ललित सिय पी की।।गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद। बालमीक बिग्यान बिसारद।सुक सनकादि सेष अरु सारद। बरनि पवनसुत कीरति नीकी।।1।। गावत बेद पुरान अष्टदस। छओ सास्त्र सब…

श्री रामचरितमानस षष्ठ सोपान – लंकाकाण्ड

श्लोकरामं कामारिसेव्यं भवभयहरणं कालमत्तेभसिंहंयोगीन्द्रं ज्ञानगम्यं गुणनिधिमजितं निर्गुणं निर्विकारम्।मायातीतं सुरेशं खलवधनिरतं ब्रह्मवृन्दैकदेवंवन्दे कन्दावदातं सरसिजनयनं देवमुर्वीशरूपम्।।1।।शंखेन्द्वाभमतीवसुन्दरतनुं शार्दूलचर्माम्बरंकालव्यालकरालभूषणधरं गंगाशशांकप्रियम्।काशीशं कलिकल्मषौघशमनं कल्याणकल्पद्रुमंनौमीड्यं गिरिजापतिं गुणनिधिं कन्दर्पहं शङ्करम्।।2।।यो ददाति सतां शम्भुः कैवल्यमपि दुर्लभम्।खलानां दण्डकृद्योऽसौ शङ्करः शं…

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