Category: चालीसा संग्रह

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श्रीसरस्वती चालीसा

॥ दोहा॥जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि। बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु।दुष्टजनों के पाप को,मातु तु ही अब हन्तु॥।।चौपाई।।जय श्री सकल बुद्धि…

श्रीकाली चालीसा

॥ दोहा॥जयकाली कलिमलहरण,महिमा अगम अपार।महिष मर्दिनी कालिका,देहु अभय अपार॥॥ चौपाई ॥अरि मद मान मिटावन हारी।मुण्डमाल गल सोहत प्यारी॥अष्टभुजी सुखदायक माता।दुष्टदलन जग में विख्याता॥भाल विशाल मुकुट छवि छाजै।कर में शीश शत्रु…

श्रीपार्वती चालीसा

॥ दोहा॥जय गिरी तनये दक्षजे शम्भू प्रिये गुणखानि।गणपति जननी पार्वती अम्बे!शक्ति! भवानि॥॥ चौपाई॥ब्रह्मा भेद न तुम्हरे पावे,पंच बदन नित तुमको ध्यावे।षड्मुख कहि न सकत यश तेरो,सहसबदन श्रम करत घनेरो।।तेरो पार…

श्रीनवग्रह चालीसा

॥ दोहा ॥श्री गणपति गुरुपद कमल,प्रेम सहित सिरनाय ।नवग्रह चालीसा कहत,शारद होत सहाय ॥जय जय रवि शशि सोम,बुध गुरु भृगु शनि राज।जयति राहु अरु केतु ग्रह,करहुं अनुग्रह आज॥॥चौपाई॥॥श्री सूर्य स्तुति॥प्रथमहि…

श्रीशारदा चालीसा

॥ दोहा॥मूर्ति स्वयंभू शारदा,मैहर आन विराज।माला, पुस्तक, धारिणी,वीणा कर में साज॥॥ चौपाई ॥जय जय जय शारदा महारानी,आदि शक्ति तुम जग कल्याणी।रूप चतुर्भुज तुम्हरो माता,तीन लोक महं तुम विख्याता॥दो सहस्त्र वर्षहि…

श्री महालक्ष्मी चालीसा

॥ दोहा ॥जय जय श्री महालक्ष्मी करूँ माता तव ध्यानसिद्ध काज मम किजिये निज शिशु सेवक जान॥ चौपाई ॥नमो महा लक्ष्मी जय माता।नाम जगत विख्याता।।आदि शक्ति हो माता भवानीपूजत सब…

सूर्य चालीसा

।।दोहा।।कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अंग।पद्मासन स्थित ध्याइये, शंख चक्र के संग।। ।।चौपाई।।जय सविता जय जयति दिवाकर।सहस्त्रांशु ! सप्ताश्व तिमिरहर।।भानु ! पतंग ! मरीची ! भास्कर।l सविता ! हंस सुनूर…

लक्ष्मी चालीसा

दोहामातु लक्ष्मी करि कृपा, करो ह्रदय में बास ।मनोकामना सिद्ध करि, पुरवहु मेरी आस ।।सोरठायही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करूं ।सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदंबिका ।।चौपाईसिंधु सुता…

श्रीखाटूश्याम चालीसा

दोहाश्री गुरु चरण ध्यान धर, सुमिरि सच्चिदानन्द।श्याम चालीसा भजत हूँ, रच चैपाई छन्द।।चौपाईश्याम श्याम भजि बारम्बारा।सहज ही हो भवसागर पारा।।इन सम देव न दूजा कोई।दीन दयालु न दाता होई।।भीमसुपुत्र अहिलवती…

भैरव चालीसा

।। दोहा ।।गणपति गुरु गौरिपद प्रेम सहित धरी माथ।चालीसा वंदन करौं श्री शिव भैरवनाथ।।श्री भैरव संकट हरण मंगल करण कृपाल।श्याम वरन विकराल वपु लोचन लाल विशाल।।॥ चौपाई ॥जय जय श्री…

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