Category: आचार्य अभिजीत

चैत्र नवरात्री 2021 में घट स्थापना-मुहूर्त एवं पूजन विधि

चैत्र नवरात्रि का पर्व भारत में हिन्दुओं के द्वारा मनाया जाने वाला प्रमुख पर्व है। चैत्र नवरात्रि सभी चारों नवरात्रों में विशेष महत्व रखता है। आमतौर पर साल में चार…

श्रीमद्भगवद्गीता – अध्याय १८

मोक्ष सन्यास योग-त्याग का विषय अर्जुन उवाचसन्न्यासस्य महाबाहो तत्त्वमिच्छामि वेदितुम्‌ ।त्यागस्य च हृषीकेश पृथक्केशिनिषूदन ॥ भावार्थ : अर्जुन बोले- हे महाबाहो! हे अन्तर्यामिन्‌! हे वासुदेव! मैं संन्यास और त्याग के…

अप्रैल मास में ग्रहों का रहस्यमय चाल

वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रहों का गोचर व्यक्ति के जीवन पर काफी प्रभाव डालता है। नक्षत्र मंडल में राशियों के मध्य विचरण करने वाले ग्रह ऐसे में जब अप्रैल के…

देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम्

न मत्रं नो यन्त्रं तदपि च न जाने स्तुतिमहोन चाह्वानं ध्यानं तदपि च न जाने स्तुतिकथाः।न जाने मुद्रास्ते तदपि च न जाने विलपनंपरं जाने मातस्त्वदनुसरणं क्लेशहरणम् ॥१॥ विधेरज्ञानेन द्रविणविरहेणालसतयाविधेयाशक्यत्वात्तव चरणयोर्या…

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता अध्याय-१५

पुरुषोत्तम-योगसंसार रूपी वृक्ष का वर्णन श्रीभगवानुवाचऊर्ध्वमूलमधः शाखमश्वत्थं प्राहुरव्ययम्‌ ।छन्दांसि यस्य पर्णानि यस्तं वेद स वेदवित्‌ ॥१ भावार्थ : श्री भगवान ने कहा – हे अर्जुन! इस संसार को अविनाशी वृक्ष…

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता अध्याय-१२

भक्ति-योगसाकार और निराकार रूप से भगवत्प्राप्ति अर्जुन उवाच एवं सततयुक्ता ये भक्तास्त्वां पर्युपासते ।ये चाप्यक्षरमव्यक्तं तेषां के योगवित्तमाः ॥१ भावार्थ : अर्जुन ने पूछा – हे भगवन! जो विधि आपने…

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता अध्याय-०१

कर्मयुद्ध-योग(योद्धाओं की गणना और सामर्थ्य) धृतराष्ट्र उवाचधर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः ।मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय ॥ (१)भावार्थ : धृतराष्ट्र ने कहा – हे संजय! धर्म-भूमि और कर्म-भूमि में युद्ध की इच्छा…

दारिद्र्य दु:ख दहन शिव स्तोत्र

विश्वेश्वराय नरकार्णव तारणायकर्णामृताय शशिशेखर धारणायकर्पूरकांति धवलाय जटाधरायदारिद्र्य दु:ख दहनाय नम: शिवाय… गौरी प्रियाय रजनीशकलाधरायकालान्तकाय भुजगाधिप कंकणायगंगाधराय गजराज विमर्दनायदारिद्र्य दु:ख दहनाय नम: शिवाय… भक्तिप्रियाय भवरोग भयापहायउग्राय दुर्गभवसागर तारणायज्योतिर्मयाय गुणनाम सुनृत्यकायदारिद्र्य दु:ख…

श्रीबटुकभैरवहृदयस्तोत्रम् ॥

॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ ॥ श्रीउमामहेश्वराभ्यां नमः ॥ ॥ श्रीगुरवे नमः ॥ ॥ श्रीभैरवाय नमः ॥ पूर्वपीठिकाकैलाशशिखरासीनं देवदेवं जगद्गुरुम् ।देवी पप्रच्छ सर्वज्ञं शङ्करं वरदं शिवम् ॥ १॥ ॥ श्रीदेव्युवाच ॥देवदेव…

होली का उत्तम मुहूर्त एवं विशेष संयोग

सदैव की तरह इस वर्ष भी फाल्गुन शुक्लपक्ष की पूर्णिमा के दिन होलिका-दहन होगा. इस वर्ष होलिका-दहन पर कई दुर्लभ योग के संयोग बन रहे हैं, जो पर्व के साथ-साथ…

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