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नारी

‘नारी’। इस शब्द में इतनी ऊर्जा है, कि इसका उच्चारण ही मन-मस्तक को झंकृत कर देता है। इसके पर्यायी शब्द देवी, स्त्री, भामिनी, कांता आदि हैं और इसका पूर्ण स्वरूप…

यज्ञोपवित (जनेऊ ) पहनने से लाभ

पूर्व में बालक की उम्र आठ वर्ष होते ही उसका यज्ञोपवित संस्कार कर दिया जाता था। वर्तमान में यह प्रथा लोप सी गयी है। जनेऊ पहनने का हमारे स्वास्थ्य से…

अपनी न्याय से शिव को भी प्रसन्न किया शनिदेव ने

पौराणिक कथा के अनुसार एक समय शनि देव भगवान शंकर के धाम हिमालय पहुंचे। उन्होंने अपने गुरुदेव भगवान शंकर को प्रणाम कर उनसे आग्रह किया,” हे प्रभु! मैं कल आपकी…

नाशवान शरीर व अवतारी शरीर में अंतर

सभी चर अचर प्राणी, यह सम्पूर्ण सृष्टि पंच महाभूतों से बनी हुई है और यह सभी का अनुभव है कि कोई भी अपनी इच्छा से यह शरीर धारण नहीं करते…

विश्वकर्मा पूजन: विधि विधान

विश्वकर्मा पूजा मुहूर्त (17 सितंबर 2020)प्रातः काल मुहूर्त – 7 बजकर 22 मिनटअमृत काल मुहूर्त – सुबह 10 बजकर 9 मिनट से 11 बजकर 37 मिनट तकविजय योग – दोपहर…

शनिदेव करेंगे सभी कष्टों से उद्धार!!

ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:सूर्य पुत्रो दीर्घ देहो विशालाक्ष: शिव प्रिय:।मंदाचाराह प्रसन्नात्मा पीड़ां दहतु में शनि:।। शनिदेव अत्यंत विशिष्ट देव हैं। वे ग्रह भी है और देवता भी…

शबरी भीलन की भक्ति

शबरी भीलन की अथाह श्रद्धा और विश्वास का फल यह था कि…श्रीरामजी को भक्तिन शबरी की कुटिया तक आना पड़ा।…और श्रीराम जी ने प्रेमाभक्ति से भरे जूठे बेर भी खाये……

आत्मचिंतन का महत्व

आत्मचिंतन से तात्पर्य है स्वयं की समीक्षा करना अर्थात स्वयं का परीक्षण करना, स्वयं का अध्ययन करना, स्वयं के गुण दोषों का विवेचन स्वयं से स्वयं में करना।व्यक्तित्व विकास बाहरी…

संस्कृत भाषा ऐसे अनेक क्षेत्रों में अन्यतम है – डा॰ आशीष पांडेय

संस्कृत भाषा केवल विचार सम्प्रेषण का माध्यम ही नहीं है।सभी भाषाएँ में उस भाषा के बोलने वाले लोगों के आचरण, परम्पराओं और संस्कृति की वाहक भी रहती हैं। जो लोग…

पेड़ लगाओ धरती बचाओ

कुदरत ने हमको दी हैंअनंत संपदा अनंत संपदाइनके बिना ना जीवनजी पाएगा कोई भीहम सबको संभालनी हैये अनंत संपदा ये अंनत संपदापेड़ों बिना न जीवनकोई पा सके जहां मेंअन्न,फल, फूल,…

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