Author: ज्ञानसंजीवनी फाउंडेशन

निष्पक्षता के निहितार्थ

जब दो विरोधी पक्ष किसी बिन्दु पर विवाद करने लगें तो धर्मनिष्ठ (ईमानदार) लोगों से समाज द्वारा यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपने मत व्यक्त करते समय निष्पक्ष…

गीता सुगीता कर्तव्या किमन्यैः शास्त्रविस्तरैः

यह प्रसिद्ध श्लोक गीता की प्रशंसा में किसी कवि ने लिखा है। गीता की विषयवस्तु इतनी लोकप्रिय है कि जो एक बार इसको पढ़ता या सुनता है वह बिना आकर्षित…

वैदिक कालीन शिक्षा

शिक्षा का उद्देश्य:शिक्षा के उद्देश्य का पहला उल्लेख ऋग्वेद के 10 वें मंडल में पाया जाता है. इस मंडल के एक सूक्त में कहा गया है कि विद्या का उद्देश्य…

जय राम रमा रमनं समनं

॥ छन्द: ॥जय राम रमा रमनं समनं ।भव ताप भयाकुल पाहि जनम ॥अवधेस सुरेस रमेस बिभो ।सरनागत मागत पाहि प्रभो ॥ राजा राम, राजा राम,सीता राम,सीता राम ॥ दससीस बिनासन…

भगवद्गीता के अध्ययन हेतु कुछ सुझाव

भगवद्गीता इतना सुप्रसिद्ध ग्रन्थ है के संसार भर के जिज्ञासु इसे पढ़ना चाहते हैं। इसकी भाषा जितनी सरल और बोधगम्य है उतनी ही गूढ़ इसकी विषयवस्तु है। उस विषयवस्तु का…

भगवान तो खाते नहीं, फिर भोग क्यों लगायें?

हाँ मेरे बंधु! मेरे स्वजनों !सही कह रहें हैं आप सभी जब भगवान कुछ खाते ही नहीं तो उनको भोग क्यों लगायें? उनके आगे छप्पन व्यंजन क्यों रखें? ये तो…

वैदिक कालीन शिक्षा एवं आज का परिवेश

वेद शब्द संस्कृत भाषा के “विद्” धातु से बना है जिसका अर्थ है: जानना, ज्ञान इत्यादि। वेद हिन्दू धर्म के प्राचीन पवित्र ग्रंथों का नाम है । वेदों को श्रुति…

error: Content is protected !!