Author: ज्ञानसंजीवनी फाउंडेशन

“पुण्य की राह”

एक बार की बात है एक बहुत ही पुण्य आत्मा व्यक्ति अपने परिवार सहित तीर्थ के लिए निकला। कई कोस दूर जाने के बाद पूरे परिवार को प्यास लगने लगी।…

भगवद्गीता श्लोक ६/१ – एक चिन्तन

अनाश्रित: कर्मफलं कार्यं कर्म करोति य:।स संन्यासी च योगी च न निरग्निर्न चाक्रिय:।। – भगवद्गीता ६/१ श्लोक के दूसरे पद में कहा गया है कि कार्यं कर्म करोति य:। अर्थात…

शनि चालीसा

दोहाजय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥जयति जयति…

श्री ब्रह्मा चालीसा

॥ दोहा॥जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू,चतुरानन सुखमूल।करहु कृपा निज दास पै,रहहु सदा अनुकूल।तुम सृजक ब्रह्माण्ड के,अज विधि घाता नाम।विश्वविधाता कीजिये,जन पै कृपा ललाम।॥ चौपाई ॥जय जय कमलासान जगमूला,रहहू सदा जनपै अनुकूला।रुप…

श्री कृष्ण चालीसा

॥ दोहा॥वंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम।अरुण अधर जनु बिम्बफल,नयन कमल अभिराम॥पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख,पीताम्बर शुभ साज।जय मनमोहन मदन छवि,कृष्णचन्द्र महाराज॥॥ चौपाई ॥जय यदुनंदन जय जगवंदन।जय वसुदेव देवकी नन्दन॥जय…

श्री विष्णु चालीसा

॥ दोहा॥विष्णु सुनिए विनयसेवक की चितलाय ।कीरत कुछ वर्णन करूंदीजै ज्ञान बताय ॥॥ चौपाई ॥नमो विष्णु भगवान खरारी,कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी,त्रिभुवन फैल रही उजियारी ॥सुन्दर…

श्री राम चालीसा

॥ चौपाई ॥श्री रघुवीर भक्त हितकारी।सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥निशि दिन ध्यान धरै जो कोई।ता सम भक्त और नहिं होई॥ध्यान धरे शिवजी मन माहीं।ब्रह्म इन्द्र पार नहिं पाहीं॥दूत तुम्हार वीर…

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