Author: ज्ञानसंजीवनी फाउंडेशन

श्रीपार्वती चालीसा

॥ दोहा॥जय गिरी तनये दक्षजे शम्भू प्रिये गुणखानि।गणपति जननी पार्वती अम्बे!शक्ति! भवानि॥॥ चौपाई॥ब्रह्मा भेद न तुम्हरे पावे,पंच बदन नित तुमको ध्यावे।षड्मुख कहि न सकत यश तेरो,सहसबदन श्रम करत घनेरो।।तेरो पार…

श्रीनवग्रह चालीसा

॥ दोहा ॥श्री गणपति गुरुपद कमल,प्रेम सहित सिरनाय ।नवग्रह चालीसा कहत,शारद होत सहाय ॥जय जय रवि शशि सोम,बुध गुरु भृगु शनि राज।जयति राहु अरु केतु ग्रह,करहुं अनुग्रह आज॥॥चौपाई॥॥श्री सूर्य स्तुति॥प्रथमहि…

श्रीशारदा चालीसा

॥ दोहा॥मूर्ति स्वयंभू शारदा,मैहर आन विराज।माला, पुस्तक, धारिणी,वीणा कर में साज॥॥ चौपाई ॥जय जय जय शारदा महारानी,आदि शक्ति तुम जग कल्याणी।रूप चतुर्भुज तुम्हरो माता,तीन लोक महं तुम विख्याता॥दो सहस्त्र वर्षहि…

श्री तुलसी माता की आरती

जय जय तुलसी माता,सब जग की सुखदाता।॥ जय जय तुलसी माता।।सब योगों के ऊपर,सब लोगों के ऊपर,रुज से रक्षा करके भव त्राता।॥ जय जय तुलसी माता।।बटु पुत्री है श्यामा,सूर बल्ली…

संस्कृत भाषा ऐसे अनेक क्षेत्रों में अन्यतम है – डा॰ आशीष पांडेय

संस्कृत भाषा केवल विचार सम्प्रेषण का माध्यम ही नहीं है।सभी भाषाएँ में उस भाषा के बोलने वाले लोगों के आचरण, परम्पराओं और संस्कृति की वाहक भी रहती हैं। जो लोग…

भगवद्गीता – बारहवाँ अध्याय – भक्तियोग प्राक्कथन

भगवद्गीता का बारहवाँ अध्याय भक्तियोग के नाम से प्रसिद्ध है। यह भगवद्गीता के अठारह अध्यायों में से सर्वाधिक लोकप्रिय अध्यायों में परिगणित है। आकार की दृष्टि से भले ही यह…

पेड़ लगाओ धरती बचाओ

कुदरत ने हमको दी हैंअनंत संपदा अनंत संपदाइनके बिना ना जीवनजी पाएगा कोई भीहम सबको संभालनी हैये अनंत संपदा ये अंनत संपदापेड़ों बिना न जीवनकोई पा सके जहां मेंअन्न,फल, फूल,…

श्रीगणेशपंचरत्नस्तोत्रं

मुदा करात्तमोदकं सदा विमुक्तिसाधकंकलाधरावतंकसकं विलासिलोकरंजकम्अनायकैकनायकं नमामि तं विनायम्नताशुभाशुनाशकं नमामि तं विनायम्नतेतरातिभीकरं नवोदितार्कभास्वरंनमत्सुरारिनिर्जरं नताधिकापदुद्धरम्सुरेश्वरं निधीश्वरं गजेश्वरं गणेश्वरंमहेश्वरं तमाश्रये परात्परं निरन्तरम्समस्तलोकशंकरं निरस्तदैत्यकुंजरंदरेतरोदरं वरं वरेभवक्त्रमक्षरम्कृपाकरं क्षमाकरं मुदाकरं यशस्करंमनस्करं नमस्कृतां नमस्करोमि भास्वरम्अकिंचनार्तिमार्जनं चिरन्तनोक्तिभाजनंपुरारिपूर्वनन्दनं सुरारिगर्वचर्वणम्प्रपंचनाशभीषणं…

जीवन की मजबूत नींव

जो भी मनुष्य ऊँचे कर्म या सर्वोत्तम कर्म करते हैं वे कहीं न कहीं आध्यात्मिकता से जुड़े हुए होते हैं, उनमें कहीं न कहीं आध्यात्मिक अंश,सात्विक अंश अवश्य सामान्य मनुष्य…

श्री महालक्ष्मी चालीसा

॥ दोहा ॥जय जय श्री महालक्ष्मी करूँ माता तव ध्यानसिद्ध काज मम किजिये निज शिशु सेवक जान॥ चौपाई ॥नमो महा लक्ष्मी जय माता।नाम जगत विख्याता।।आदि शक्ति हो माता भवानीपूजत सब…

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