Author: ज्ञानसंजीवनी फाउंडेशन

2 सितम्बर से प‍ितृ पक्ष

2 सितम्बर से प‍ितृ पक्ष शुरू हो रहा है। यह पक्ष 15 द‍िनों का होता है। जो क‍ि भाद्रपद की पूर्णिमा से शुरू होता है और अश्विन की अमावस्‍या को…

श्रीसन्तोषी चालीसा

॥ दोहा॥श्री गणपति पद नाय सिर,धरि हिय शारदा ध्यान।संतोषी मां की करुँ,कीर्ति सकल बखान॥॥ चौपाई ॥जय संतोषी मां जग जननी,खल मति दुष्ट दैत्य दल हननी।गणपति देव तुम्हारे ताता,रिद्धि सिद्धि कहलावहं…

अनन्त चतुर्दशी: विपत्ति से उभारने वाला एक व्रत

अनन्त चतुर्दशी मंगलवार, सितम्बर 1, 2020 कोअनन्त चतुर्दशी पूजा मुहूर्त – 05:59 ए॰ एम॰ से 09:38 ए॰ एम॰अवधि – 03 घण्टे 39 मिनट्सचतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – अगस्त 31, 2020 को 08:48 ए एम बजेचतुर्दशी तिथि समाप्त – सितम्बर 01, 2020 को 09:38 ए एम बजे अनंत चतुर्दशी के दिन अनंत देव…

गीता का श्लोक ७/७ एवं अद्वैत मत

गीता का श्लोक ७/७ एवं अद्वैत मत का समर्थन नहीं करता है। यह श्लोक इस प्रकार है।मत्तः परतरं नान्यत्किञ्चिदस्ति धनञ्जय।मयि सर्वमिदं प्रोतं सूत्रे मणिगणा इव॥भावार्थहे धनंजय! मुझसे भिन्न दूसरा कोई…

श्रीवैष्णो चालीसा

॥ दोहा॥गरुड़ वाहिनी वैष्णवी त्रिकुटा पर्वत धाम।काली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम।।॥ चौपाई ॥नमो: नमो: वैष्णो वरदानी,कलि काल मे शुभ कल्याणी।मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी,पिंडी रूप में हो अवतारी॥देवी देवता…

श्रीतुलसी माता की आरती

जय जय तुलसी माता,सब जग की सुखदाता ।॥ जय जय तुलसी माता।|सब योगों के ऊपर,सब लोगों के ऊपर,रुज से रक्षा करके भव त्राता।॥ जय जय तुलसी माता।|बटु पुत्री है श्यामा,सूर…

श्रीराधा चालीसा

॥ दोहा॥श्री राधे वुषभानुजा भक्तनि प्राणाधार।वृन्दावन विपिन विहारिणी प्रणवों बारम्बार।।जैसो तैसो रावरौ कृष्ण प्रिया सुखधाम।चरण शरण निज दीजिये सुन्दर सुखद ललाम।।॥ चौपाई ॥जय वृषभानु कुँवरी श्री श्यामा।कीरति नंदिनी शोभा धामा।।नित्य…

श्रीसरस्वती चालीसा

॥ दोहा॥जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि। बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु।दुष्टजनों के पाप को,मातु तु ही अब हन्तु॥।।चौपाई।।जय श्री सकल बुद्धि…

चन्द्रमा का प्रभाव तथा उपाय

ऋग्वेद में कहा गया है कि ‘चन्द्रमा मनसो जातश्चक्षोः सूर्यो अजायत:।‘ वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। ज्योतिषियों की माने तो चंद्रमा के प्रभाव से…

श्रीकाली चालीसा

॥ दोहा॥जयकाली कलिमलहरण,महिमा अगम अपार।महिष मर्दिनी कालिका,देहु अभय अपार॥॥ चौपाई ॥अरि मद मान मिटावन हारी।मुण्डमाल गल सोहत प्यारी॥अष्टभुजी सुखदायक माता।दुष्टदलन जग में विख्याता॥भाल विशाल मुकुट छवि छाजै।कर में शीश शत्रु…

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