Author: ज्ञानसंजीवनी फाउंडेशन

देवी अहिल्या का उद्धार

आप जानते हैं, कि किस तरह विश्वामित्र जी राम और लक्ष्मण को दशरथ जी से मांग कर ले आये और तड़का, मारीच और सुबाहु का भगवान ने वध कर दिया।…

श्रीनर्मदा चालीसा

॥ दोहा॥देवि पूजित, नर्मदा, महिमा बड़ी अपार।चालीसा वर्णन करत, कवि अरु भक्त उदार॥इनकी सेवा से सदा, मिटते पाप महान।तट पर कर जप दान नर, पाते हैं नित ज्ञान॥॥ चौपाई ॥जय-जय-जय…

तर्पण-विधि:

(देवर्षिमनुप्यपितृतर्पणविधि:) प्रातःकाल संध्योपासना करने के पश्चात् बायें और दायें हाथ की अनामिका अङ्गुलि में ‘पवित्रे स्थो वैष्णव्यौ०’ इस मन्त्र को पढते हुए पवित्री (पैंती) धारण करें । फिर हाथ में…

मिथुन राशि एक परिचय

मिथुन राशि के जातक सदैव अपने कार्यक्षेत्र  को प्राथमिकता देते हैं, इनकी बचपना अभावग्रस्त रहती है। जुड़ुवा के प्रतीक चिह्न वाले ये जातक आकर्षक और मैत्री स्वभाव के  होते हैं।…

श्रीगंगा चालीसा

॥ दोहा॥जय जय जय जग पावनी,जयति देवसरि गंग।जय शिव जटा निवासिनी,अनुपम तुंग तरंग॥॥ चौपाई ॥जय जय जननी हरण अघ खानी।आनंद करनि गंग महारानी॥जय भगीरथी सुरसरि माता।कलिमल मूल दलनि विख्याता॥जय जय…

श्रीशीतला चालीसा

॥ दोहा॥जय जय माता शीतला, तुमहिं धरै जो ध्यान।होय विमल शीतल हृदय, विकसै बुद्धी बल ज्ञान।।घट -घट वासी शीतला, शीतल प्रभा तुम्हार।शीतल छइयां में झुलई, मइयां पलना डार।।॥ चौपाई ॥जय-जय-…

श्रीमहाकाली चालीसा

॥ दोहा॥मात श्री महाकालिका ध्याऊँ शीश नवाय।जान मोहि निजदास सब दीजै काज बनाय॥॥ चौपाई ॥नमो महा कालिका भवानी।महिमा अमित न जाय बखानी॥तुम्हारो यश तिहुँ लोकन छायो।सुर नर मुनिन सबन गुण…

शबरी भीलन की भक्ति

शबरी भीलन की अथाह श्रद्धा और विश्वास का फल यह था कि…श्रीरामजी को भक्तिन शबरी की कुटिया तक आना पड़ा।…और श्रीराम जी ने प्रेमाभक्ति से भरे जूठे बेर भी खाये……

श्री माँ अन्नपूर्णा चालीसा

॥ दोहा॥विश्वेश्वर पदपदम की रज निज शीश लगाय ।अन्नपूर्णे, तव सुयश बरनौं कवि मतिलाय ।॥ चौपाई ॥नित्य आनंद करिणी माता,वर अरु अभय भाव प्रख्याता।जय ! सौंदर्य सिंधु जग जननी,अखिल पाप…

आत्मचिंतन का महत्व

आत्मचिंतन से तात्पर्य है स्वयं की समीक्षा करना अर्थात स्वयं का परीक्षण करना, स्वयं का अध्ययन करना, स्वयं के गुण दोषों का विवेचन स्वयं से स्वयं में करना।व्यक्तित्व विकास बाहरी…

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