Author: ज्ञानसंजीवनी फाउंडेशन

शनिदेव करेंगे सभी कष्टों से उद्धार!!

ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:सूर्य पुत्रो दीर्घ देहो विशालाक्ष: शिव प्रिय:।मंदाचाराह प्रसन्नात्मा पीड़ां दहतु में शनि:।। शनिदेव अत्यंत विशिष्ट देव हैं। वे ग्रह भी है और देवता भी…

मीनाक्षीपंचरत्नम्

उद्यद्भानुसहस्त्रकोटिसदृशां केयूरहारोज्ज्वलांविम्बोष्ठीं स्मितदन्तपड़्क्तिरुचिरां पीताम्बरालड़्कृताम्।विष्णुब्रह्मसुरेन्द्रसेवितपदां तत्त्वस्वरूपां शिवांमीनाक्षीं प्रणतोSस्मि सन्ततमहं कारुण्यवारांनिधिम्।।1।। मुक्ताहारलसत्किरीटरुचिरां पूर्णेन्दुवक्त्रप्रभांशिण्जन्नूपुरकिंकिणीमणिधरां पद्मप्रभाभासुराम्।सर्वाभीष्टफलप्रदां गिरिसुतां वाणिरमासेवितां।।मीनाक्षीं0।।2।। श्रीविद्यां शिववामभागनिलयां ह्रींकारमन्त्रोज्ज्वलांश्रीचक्रांकित बिंदुमध्यवसतिं श्रीमत्सभानायिकाम्।श्रीमत्षण्मुखविघ्नराजजननीं श्रीमज्जगन्मोहिनीं।।मीनाक्षीं0।।3।। श्रीमत्सुन्दरनायिकां भयहरां ज्ञानप्रदां निर्मलांश्यामाभां कमलासनार्चितपदां नारायणस्यानुजाम्।वीणावेणुमृदंगवाद्यरसिकां नानाविधामम्बिकां।।मीनाक्षीं।।4।। नानायोगिमुनीन्द्रहृत्सुवसतिं नानार्थसिद्धिप्रदांनानापुष्पविराजिताड़्घ्रियुगलां नारायणेनार्चिताम्।नादब्रह्ममयीं…

केनोपनिषद्- खण्ड १

विद्वानों ने उपनिषद शब्द की व्युत्पत्ति  उप+नि+षद् के रूप में मानी है। इसका अर्थ है कि जो ज्ञान व्यवधान रहित होकर निकट आये, जो ज्ञान विशिष्ट तथा संपूर्ण हो तथा…

पञ्च भू:संस्कार

वेदी निर्माण-पंचांग पूजन के अनन्तर यथा परिमित तीन कण्ठ युक्त कुण्ड अथवा स्थण्डिल का निर्माण करना चाहिए। कुण्ड के अभाव में बालू से मेखला सहित स्थण्डिल का प्रयोग भी किया…

गूगल प्ले स्टोर (ज्ञानसंजीवनी मोबाइल एप)

💐।। नमो नारायणाय ।।💐सनातन, संस्कृत, सुविचार, सुसंस्कार को सम्पूर्ण विश्व के जन-जन तक पहुँचाने वाली ज्ञान संजीवनी डिजिटल   पत्रिका का अब आप निःशुल्क  लाभ उठा सकते हैं – आज…

जीवित्पुत्रिका (जिउतिया) व्रत

जीवित्पुत्रिका (जिउतिया) व्रत का मुहूर्तनहाय खाय- बुधवार 9 सितम्बर 2020 कोव्रत – बृहस्पतिवार, 10 सितम्बर, 2020 को अष्टमी तिथि प्रारम्भ – सितम्बर 10, 2020 को 02:05 ए एम बजेअष्टमी तिथि समाप्त – सितम्बर 11, 2020 को 03:34 ए एम बजे…

हनुमानजी के पंचमुखी रूप की कथा

लंका में महा बलशाली मेघनाद के साथ बड़ा ही भीषण युद्ध चला. अंतत: मेघनाद मारा गया। रावण जो अब तक मद में चूर था राम सेना, खास तौर पर लक्ष्मण…

यह कदंब का पेड़

यह कदंब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे।मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे॥ ला देतीं यदि मुझे बांसुरी तुम दो पैसे वाली।किसी तरह नीची हो जाती यह…

श्रीविन्ध्येश्वरी चालीसा

॥ दोहा ॥नमो नमो विन्ध्येश्वरी,नमो नमो जगदम्ब ।सन्तजनों के काज में,करती नहीं विलम्ब ॥।।चौपाई।।जय जय जय विन्ध्याचल रानी।आदिशक्ति जगविदित भवानी॥सिंहवाहिनी जै जगमाता।जै जै जै त्रिभुवन सुखदाता॥कष्ट निवारण जै जगदेवी।जै जै…

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