अर्जुन का शिर किसने काट दिया और जीवित कैसे हुए ??
〰〰🌸〰〰🌸〰〰🌸〰〰🌸〰〰🌸〰〰अर्जुन ने अपने-आपको श्रीकृष्ण को समर्पित कर दिया था| अर्जुन होता हुआ भी, नहीं था, इसलिए कि उसने जो कुछ किया, अर्जुन के रूप में नहीं, श्रीकृष्ण के सेवक के…
〰〰🌸〰〰🌸〰〰🌸〰〰🌸〰〰🌸〰〰अर्जुन ने अपने-आपको श्रीकृष्ण को समर्पित कर दिया था| अर्जुन होता हुआ भी, नहीं था, इसलिए कि उसने जो कुछ किया, अर्जुन के रूप में नहीं, श्रीकृष्ण के सेवक के…
प्रश्न: सुंदरकांड में रावण सहित प्रत्येक राक्षस के घर को मंदिर और विभीषण जी के घर भवन क्यों कहा गया है? मंदिर मंदिर प्रति करि सोधा। देखे जहँ तहँ अगनित…
सप्तम भाव, कुंडली के इस भाव को वैदिक ज्योतिष में कितना महत्व दिया गया है? सप्तम भाव को ज्योतिष में किस क्यों महत्वपूर्ण माना गया है? यह जातक के किन…
ॐ इत्येतदक्षरमिदꣳ सर्वं तस्योपव्याख्यानंभूतं भवद् भविष्यदिति सर्वमोङ्कार एवयच्चान्यत् त्रिकालातीतं तदप्योङ्कार एव ॥ १॥सर्वं ह्येतद् ब्रह्मायमात्मा ब्रह्म सोऽयमात्मा चतुष्पात् ॥ २॥जागरितस्थानो बहिष्प्रज्ञः सप्ताङ्ग एकोनविंशतिमुखः स्थूलभुग्वैश्वानरः प्रथमः पादः ॥ ३॥स्वप्नस्थानोऽन्तः प्रज्ञाः सप्ताङ्ग…
श्रीरामसौमित्रिजटायुवेद षडाननादित्य कुजार्चिताय ।श्रीनीलकण्ठाय दयामयाय श्रीवैद्यनाथाय नमःशिवाय ॥ 1॥ शम्भो महादेव शम्भो महादेव शम्भो महादेव शम्भो महादेव ।शम्भो महादेव शम्भो महादेव शम्भो महादेव शम्भो महादेव ॥ गङ्गाप्रवाहेन्दु जटाधराय त्रिलोचनाय स्मर…
क्षीराभिषेकंआप्या॑यस्व॒ समे॑तु ते वि॒श्वत॑स्सोम॒वृष्णि॑यम् । भवा॒वाज॑स्य सङ्ग॒धे ॥ क्षीरेण स्नपयामि ॥ दध्याभिषेकंद॒धि॒क्रावण्णो॑ अ॒कारिषं॒ जि॒ष्णोरश्व॑स्य वा॒जिनः॑ । सु॒र॒भिनो॒ मुखा॑कर॒त्प्रण॒ आयूग्ं॑षितारिषत् ॥ दध्ना स्नपयामि ॥ आज्याभिषेकंशु॒क्रम॑सि॒ ज्योति॑रसि॒ तेजो॑ऽसि दे॒वोवस्स॑वितो॒त्पु॑ना॒ त्वच्छि॑द्रेण प॒वित्रे॑ण॒ वसो॒…
हिंदू धर्म में एकादशी या ग्यारस एक महत्वपूर्ण तिथि है। एकादशी व्रत की बड़ी महिमा है। एक ही दशा में रहते हुए अपने आराध्य देव का पूजन व वंदन करने…
पंचांग के अनुसार शनि ग्रह का वक्री होना महत्वपूर्ण माना जाता है. शनि की इस चाल का सभी 12 राशियों पर अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलता है. किसी के लिए…
श्री शतकोटि रामचरितान्तर्गत श्रीमदानन्दरामायणेपञ्चमः सर्गः प्रारम्भः ।विष्णुदास उवाच –श्रीरामरक्षया प्रोक्तं कुशायह्यभिमन्त्रणम् ।कृतं तेनैव मुनिना गुरो तां मे प्रकाशय ॥ १॥ रामरक्षां वरां पुण्यां बालानां शान्तिकारिणीम् ।इति शिष्यवचः श्रुत्वा रामदासोऽब्रवीद्वचः ॥…
श्री रुद्र प्रश्नः कृष्ण यजुर्वेदीय तैत्तिरीय संहिताचतुर्थं वैश्वदेवं काण्डं पञ्चमः प्रपाठकः ॐ नमो भगवते॑ रुद्रा॒य ॥नम॑स्ते रुद्र म॒न्यव॑ उ॒तोत॒ इष॑वे॒ नमः॑ ।नम॑स्ते अस्तु॒ धन्व॑ने बा॒हुभ्या॑मु॒त ते॒ नमः॑ ॥ या त॒…