श्री गणेश वन्दना
वर्णानामर्थसंघाना रसानां छन्दसामपि।
मंगलानां च कर्तारौ वन्दे वाणीविनायकौ ।।
गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बू फल चारु भक्षणम।
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम।।
श्री गणपति नमस्कार
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धिताय।
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषितायगौरीसुताय गणनाय नमो नमस्ते।।1।।
गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम्।
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजम्।।2।।
एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्।
विघ्ननाशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम।।3।।
रक्ष रक्ष गणाध्यक्ष रक्ष त्रैलोक्यरक्षक।
भक्तानामभयं कर्ता त्राता भव भवार्णवात्।।4।।
।।इति श्रीगणपतिनमस्कार: सम्पूर्ण:।।