पंचांग के अनुसार शनि ग्रह का वक्री होना महत्वपूर्ण माना जाता है. शनि की इस चाल का सभी 12 राशियों पर अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलता है. किसी के लिए वक्री शनि शुभ फल लेकर आता है तो किसी के लिए अशुभ।
शनि वक्री कब होंगे?
5 जून 2022 को शनि कुंभ राशि में अपनी उल्टी चाल यानी वक्री चाल शुरू करेंगे और 23 अक्टूबर 2022 तक इसी अवस्था में रहेंगे. ये 141 दिन की अवधि सभी राशि वालों के लिए कैसी रहेगी आइए जानते हैं. हालाकी 5 जून से 12 जुलै तक शनी कुंभ मे वक्री रहेंगे उसके बाद वो मकर मे आयेंगे और 23 ऑक्टोबर तक वक्री रहेंगे।
शनी ज्योतिष मे आपके हर अच्छे बुरे फल का न्याय करणे वाला ग्रह होता है हर व्यक्ती को अपने अपने सभी कर्मो का हिसाब पता होता है बस वो दुनिया के सामने खुद को अलग पेश करणे की कोशिश करता है. वक्री होणा मतलब फिरसे वापसी की यात्रा करना होता है और इंसान हो या व्यक्ती पीछे तभी मुडता है जब कोई कार्य अधुरा या शेष रह गया हो
कुंभ मे वक्री शनी धनु, मेष और कन्या राशी को लाभदायी सिद्ध हो सकते है धनु राशी का धन संचय बढेगा , मेष को अलग अलग लाभ होंगे, मान सन्मान मिलेगा, कन्या को इच्छा पूर्ति होगी।
अब सबसे प्रतिकूल समय मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, मकर और मीन को रहेगा।
मिथुन और तुला को 12 जुलाई से थोड़ी तकलीफ बढ़ सकती है, सब काम में देरी और अटक अटक के चल सकते किंतु इतना डरने की जरूरत इन 2 रशियो को नहीं है।
कर्क राशि को सेहत और रिश्ते और खर्चों पर बहोत ध्यान देने की जरूरत है थोड़ी सी लापरवाही मुसीबत में डाल सकती है इसलिए संभाल कर सोच विचार करके कोई भी निर्णय ले। ढैया का समय चल रहा है वो भी अष्टम शनि का नजर हटी दुर्घटना घटी इसलिए शांति रखे तनाव नहीं ले।
वृश्चिक राशि को जीवन में निजी तनाव के कारण सेहत पर असर दिखाई दे रहा है विशेष कर पैर और घुटने का दर्द बढ़ सकता है, घर में भी कुछ मुद्दो पर तनाव आ सकता है. क्रोध और वाणी पर नियंत्रण रखें तो लाभ होगा।
मकर राशि की चिंताएं अब बढ़ सकती है , सेहत में गिरावट आ सकती है, कार्यक्षेत्र में संभाल कर चलना होगा , घरेलू मामलों में भी तनाव के योग बन रहे है, अपने में छुपे टांग खींचने वाले लोगो से सावधान रहे, कोई बड़ी सामाजिक या राजकीय हानि के योग है तो सतर्कता ही इसकी तोड़ होगी.
मीन राशि के खर्चों में वृद्धि होने के योग बन रहे और 12 जुलाई तक आपको प्रमोशन या नई नौकरी बदल ने के लिए इंतजार करना होगा, आत्मविश्वास की कमी के कारण कार्य टालने की प्रवृति बढ़ सकती है।
अब बची वृषभ और सिंह के लिए मध्यम स्वरूप के परिणाम होंगे उन्हें कोई बड़ी हानि या लाभ दिखाई नही दे रहे और कुंभ शनि की खुद की राशि है यहां शनि इतनी तकलीफ नही देते।