ज्ञान संजीवनी में स्वेच्छा से दान करें :

ज्ञान संजीवनी डिजिटल पत्रिका में आपका स्वागत है

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ज्ञान संजीवनी का परम उद्देश्य सत्यतः हमारा है ही नही, वस्तुतः यह सम्पूर्ण संसार का परम उद्देश्य है। इस दुनिया को परम सुख देने वाली एक ही वस्तु है और वह है ज्ञान।
ज्ञान को श्रुतियों ने, विद्वत वरेण्यो ने परमेश्वर का साक्षात रूप कहा है। ज्ञान ही जीवन है, अज्ञानता तो मृत्यु। अज्ञानी मात्र जिंदा है, जी नही रहा। इसीलिये श्रुति वाक्य है- 

सत्यं ज्ञानं अनन्तं ब्रह्म (अर्थात ब्रह्म सत्यस्वरूप है, ज्ञानस्वरूप है, आनन्दस्वरूप है, अनन्त है।)

हम उपरोक्त उद्देश्य को दृष्टिगत रखते हुए, सनातन के सभी अंगो को विश्व के शीर्षस्थ स्थान पर प्रतिष्ठित देखना चाहते है, जिसका मानक वेद पुराण उपनिषद एवम् आर्ष वचन है। इन्ही के प्रेरक सूत्रों के सहारे हम यह सेवा जन जन की भागीदारी एवम सहयोग से आगे बढ़ाना चाहते है।

आप जनहित में स्वेच्छा से दान कर सकते है :

ज्ञान संजीवनी का परम एवं मुख्य उद्देश्य जन-जन तक सनातन को पहुँचाना है। आपके द्वारा दिया गया सहयोग राशि का सदुपयोग करते हुए हमने इस परम कार्य को करने का निश्चय एवं संकल्प किया है। अतः इच्छानुसार दान करें।

अगर आप भारत से बाहर से सहयोग कर रहे है तो सहयोग-राशि paypal द्वारा दिया ही जा सकता है।

ज्ञानसंजीवनी

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