आचमन एवं पवित्रता क्यों ……..?
सकल सौच करि राम नहावा। सुचि सुजान बट छीर मगावा॥ अनुज सहित सिर जटा बनाए। देखि सुमंत्र नयन जल छाए॥ भावार्थ:-शौच के सब कार्य करके (नित्य) पवित्र और सुजान श्री…
सकल सौच करि राम नहावा। सुचि सुजान बट छीर मगावा॥ अनुज सहित सिर जटा बनाए। देखि सुमंत्र नयन जल छाए॥ भावार्थ:-शौच के सब कार्य करके (नित्य) पवित्र और सुजान श्री…