श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय ५
कर्म सन्यास योग(सांख्य-योग और कर्म-योग के भेद) अर्जुन उवाचसंन्यासं कर्मणां कृष्ण पुनर्योगं च शंससि ।यच्छ्रेय एतयोरेकं तन्मे ब्रूहि सुनिश्चितम् ॥ (१) भावार्थ : अर्जुन ने कहा – हे कृष्ण! कभी…
कर्म सन्यास योग(सांख्य-योग और कर्म-योग के भेद) अर्जुन उवाचसंन्यासं कर्मणां कृष्ण पुनर्योगं च शंससि ।यच्छ्रेय एतयोरेकं तन्मे ब्रूहि सुनिश्चितम् ॥ (१) भावार्थ : अर्जुन ने कहा – हे कृष्ण! कभी…