वास्तविक त्याग
त्याग और सन्यास का सामान्यतः यही अर्थ लिया जाता है कि घर छोड़कर,शादी न करके और कर्म का त्याग करके त्यागी या सन्यासी हो जायेंगें।घर छोड़कर कहाँ जाओगे,जहाँ जाओगे क्या…
त्याग और सन्यास का सामान्यतः यही अर्थ लिया जाता है कि घर छोड़कर,शादी न करके और कर्म का त्याग करके त्यागी या सन्यासी हो जायेंगें।घर छोड़कर कहाँ जाओगे,जहाँ जाओगे क्या…
पुरुषोत्तम-योगसंसार रूपी वृक्ष का वर्णन श्रीभगवानुवाचऊर्ध्वमूलमधः शाखमश्वत्थं प्राहुरव्ययम् ।छन्दांसि यस्य पर्णानि यस्तं वेद स वेदवित् ॥१ भावार्थ : श्री भगवान ने कहा – हे अर्जुन! इस संसार को अविनाशी वृक्ष…