Day: April 3, 2021

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता अध्याय-१२

भक्ति-योगसाकार और निराकार रूप से भगवत्प्राप्ति अर्जुन उवाच एवं सततयुक्ता ये भक्तास्त्वां पर्युपासते ।ये चाप्यक्षरमव्यक्तं तेषां के योगवित्तमाः ॥१ भावार्थ : अर्जुन ने पूछा – हे भगवन! जो विधि आपने…

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता अध्याय-०१

कर्मयुद्ध-योग(योद्धाओं की गणना और सामर्थ्य) धृतराष्ट्र उवाचधर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः ।मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय ॥ (१)भावार्थ : धृतराष्ट्र ने कहा – हे संजय! धर्म-भूमि और कर्म-भूमि में युद्ध की इच्छा…

दारिद्र्य दु:ख दहन शिव स्तोत्र

विश्वेश्वराय नरकार्णव तारणायकर्णामृताय शशिशेखर धारणायकर्पूरकांति धवलाय जटाधरायदारिद्र्य दु:ख दहनाय नम: शिवाय… गौरी प्रियाय रजनीशकलाधरायकालान्तकाय भुजगाधिप कंकणायगंगाधराय गजराज विमर्दनायदारिद्र्य दु:ख दहनाय नम: शिवाय… भक्तिप्रियाय भवरोग भयापहायउग्राय दुर्गभवसागर तारणायज्योतिर्मयाय गुणनाम सुनृत्यकायदारिद्र्य दु:ख…

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