प्रेरक प्रसंग : स्वाभिमान से ही मिलता है सम्मान
कलकत्ता विश्वविद्यालय के उपकुलपति का एक पत्र पाकर पं. मदन मोहन मालवीय असमंजस में पड़ गए। वे बुदबुदाए – “अजीब प्रस्ताव रखा है यह तो उन्होंने। क्या कहूँ, क्या लिखूँ?”पास…
कलकत्ता विश्वविद्यालय के उपकुलपति का एक पत्र पाकर पं. मदन मोहन मालवीय असमंजस में पड़ गए। वे बुदबुदाए – “अजीब प्रस्ताव रखा है यह तो उन्होंने। क्या कहूँ, क्या लिखूँ?”पास…