Day: March 22, 2021

ज्ञानयोग और कर्मयोग के अनुसार अनासक्त भाव से नियत कर्म करने की श्रेष्ठता का निरूपण :पं. तिवारी हर्षदेव शास्त्री

अर्जुन उवाचज्यायसी चेत्कर्मणस्ते मता बुद्धिर्जनार्दन ।तत्किं कर्मणि घोरे मां नियोजयसि केशव ॥भावार्थ : अर्जुन बोले- हे जनार्दन! यदि आपको कर्म की अपेक्षा ज्ञान श्रेष्ठ मान्य है तो फिर हे केशव!…

हिन्दू धर्म : पं. तिवारी हर्षदेव शास्त्री

हिन्दू धर्म वेदों पर आधारित है । इसमें कई देवी-देवता हैं, पर उनको एक ही ईश्वर के विभिन्न रूप माना जाता है । मनु ने धर्म के दस लक्षण बताये…

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