श्रीरामअवतार स्तुति
छंद:भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,कौसल्या हितकारी ।हरषित महतारी, मुनि मन हारी,अद्भुत रूप बिचारी ॥ लोचन अभिरामा, तनु घनस्यामा,निज आयुध भुजचारी ।भूषन बनमाला, नयन बिसाला,सोभासिंधु खरारी ॥ कह दुइ कर जोरी, अस्तुति…
छंद:भए प्रगट कृपाला दीनदयाला,कौसल्या हितकारी ।हरषित महतारी, मुनि मन हारी,अद्भुत रूप बिचारी ॥ लोचन अभिरामा, तनु घनस्यामा,निज आयुध भुजचारी ।भूषन बनमाला, नयन बिसाला,सोभासिंधु खरारी ॥ कह दुइ कर जोरी, अस्तुति…
आरति श्रीरामायनजी की। कीरति कलित ललित सिय पी की।।गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद। बालमीक बिग्यान बिसारद।सुक सनकादि सेष अरु सारद। बरनि पवनसुत कीरति नीकी।।1।। गावत बेद पुरान अष्टदस। छओ सास्त्र सब…
श्लोकरामं कामारिसेव्यं भवभयहरणं कालमत्तेभसिंहंयोगीन्द्रं ज्ञानगम्यं गुणनिधिमजितं निर्गुणं निर्विकारम्।मायातीतं सुरेशं खलवधनिरतं ब्रह्मवृन्दैकदेवंवन्दे कन्दावदातं सरसिजनयनं देवमुर्वीशरूपम्।।1।।शंखेन्द्वाभमतीवसुन्दरतनुं शार्दूलचर्माम्बरंकालव्यालकरालभूषणधरं गंगाशशांकप्रियम्।काशीशं कलिकल्मषौघशमनं कल्याणकल्पद्रुमंनौमीड्यं गिरिजापतिं गुणनिधिं कन्दर्पहं शङ्करम्।।2।।यो ददाति सतां शम्भुः कैवल्यमपि दुर्लभम्।खलानां दण्डकृद्योऽसौ शङ्करः शं…
श्लोकमूलं धर्मतरोर्विवेकजलधेः पूर्णेन्दुमानन्ददंवैराग्याम्बुजभास्करं ह्यघघनध्वान्तापहं तापहम्।मोहाम्भोधरपूगपाटनविधौ स्वःसम्भवं शङ्करंवन्दे ब्रह्मकुलं कलंकशमनं श्रीरामभूपप्रियम्।।1।।सान्द्रानन्दपयोदसौभगतनुं पीताम्बरं सुन्दरंपाणौ बाणशरासनं कटिलसत्तूणीरभारं वरम्राजीवायतलोचनं धृतजटाजूटेन संशोभितंसीतालक्ष्मणसंयुतं पथिगतं रामाभिरामं भजे।।2।। सो0-उमा राम गुन गूढ़ पंडित मुनि पावहिं बिरति।पावहिं मोह बिमूढ़…