नीलगगन में उड़ जाऊं
काव्य रचनासुंदर संदेशात्मक अपने मन को पंक्षी बनाकर,नीलगगन उड़ जाऊँ ।उड़ उड़ के मैं हर मानव को,ये संदेश सुनाऊँ ।मानव बनकर तुमनेयह कैसा कोहराम मचायामार काट क्यों मचा रहे होये…
काव्य रचनासुंदर संदेशात्मक अपने मन को पंक्षी बनाकर,नीलगगन उड़ जाऊँ ।उड़ उड़ के मैं हर मानव को,ये संदेश सुनाऊँ ।मानव बनकर तुमनेयह कैसा कोहराम मचायामार काट क्यों मचा रहे होये…