Day: September 2, 2020

शबरी भीलन की भक्ति

शबरी भीलन की अथाह श्रद्धा और विश्वास का फल यह था कि…श्रीरामजी को भक्तिन शबरी की कुटिया तक आना पड़ा।…और श्रीराम जी ने प्रेमाभक्ति से भरे जूठे बेर भी खाये……

श्री माँ अन्नपूर्णा चालीसा

॥ दोहा॥विश्वेश्वर पदपदम की रज निज शीश लगाय ।अन्नपूर्णे, तव सुयश बरनौं कवि मतिलाय ।॥ चौपाई ॥नित्य आनंद करिणी माता,वर अरु अभय भाव प्रख्याता।जय ! सौंदर्य सिंधु जग जननी,अखिल पाप…

आत्मचिंतन का महत्व

आत्मचिंतन से तात्पर्य है स्वयं की समीक्षा करना अर्थात स्वयं का परीक्षण करना, स्वयं का अध्ययन करना, स्वयं के गुण दोषों का विवेचन स्वयं से स्वयं में करना।व्यक्तित्व विकास बाहरी…

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