Month: August 2020

गीता का श्लोक ७/७ एवं अद्वैत मत

गीता का श्लोक ७/७ एवं अद्वैत मत का समर्थन नहीं करता है। यह श्लोक इस प्रकार है।मत्तः परतरं नान्यत्किञ्चिदस्ति धनञ्जय।मयि सर्वमिदं प्रोतं सूत्रे मणिगणा इव॥भावार्थहे धनंजय! मुझसे भिन्न दूसरा कोई…

श्रीवैष्णो चालीसा

॥ दोहा॥गरुड़ वाहिनी वैष्णवी त्रिकुटा पर्वत धाम।काली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम।।॥ चौपाई ॥नमो: नमो: वैष्णो वरदानी,कलि काल मे शुभ कल्याणी।मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी,पिंडी रूप में हो अवतारी॥देवी देवता…

श्रीतुलसी माता की आरती

जय जय तुलसी माता,सब जग की सुखदाता ।॥ जय जय तुलसी माता।|सब योगों के ऊपर,सब लोगों के ऊपर,रुज से रक्षा करके भव त्राता।॥ जय जय तुलसी माता।|बटु पुत्री है श्यामा,सूर…

श्रीराधा चालीसा

॥ दोहा॥श्री राधे वुषभानुजा भक्तनि प्राणाधार।वृन्दावन विपिन विहारिणी प्रणवों बारम्बार।।जैसो तैसो रावरौ कृष्ण प्रिया सुखधाम।चरण शरण निज दीजिये सुन्दर सुखद ललाम।।॥ चौपाई ॥जय वृषभानु कुँवरी श्री श्यामा।कीरति नंदिनी शोभा धामा।।नित्य…

श्रीसरस्वती चालीसा

॥ दोहा॥जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि। बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु।दुष्टजनों के पाप को,मातु तु ही अब हन्तु॥।।चौपाई।।जय श्री सकल बुद्धि…

चन्द्रमा का प्रभाव तथा उपाय

ऋग्वेद में कहा गया है कि ‘चन्द्रमा मनसो जातश्चक्षोः सूर्यो अजायत:।‘ वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। ज्योतिषियों की माने तो चंद्रमा के प्रभाव से…

श्रीकाली चालीसा

॥ दोहा॥जयकाली कलिमलहरण,महिमा अगम अपार।महिष मर्दिनी कालिका,देहु अभय अपार॥॥ चौपाई ॥अरि मद मान मिटावन हारी।मुण्डमाल गल सोहत प्यारी॥अष्टभुजी सुखदायक माता।दुष्टदलन जग में विख्याता॥भाल विशाल मुकुट छवि छाजै।कर में शीश शत्रु…

श्रीपार्वती चालीसा

॥ दोहा॥जय गिरी तनये दक्षजे शम्भू प्रिये गुणखानि।गणपति जननी पार्वती अम्बे!शक्ति! भवानि॥॥ चौपाई॥ब्रह्मा भेद न तुम्हरे पावे,पंच बदन नित तुमको ध्यावे।षड्मुख कहि न सकत यश तेरो,सहसबदन श्रम करत घनेरो।।तेरो पार…

श्रीनवग्रह चालीसा

॥ दोहा ॥श्री गणपति गुरुपद कमल,प्रेम सहित सिरनाय ।नवग्रह चालीसा कहत,शारद होत सहाय ॥जय जय रवि शशि सोम,बुध गुरु भृगु शनि राज।जयति राहु अरु केतु ग्रह,करहुं अनुग्रह आज॥॥चौपाई॥॥श्री सूर्य स्तुति॥प्रथमहि…

श्रीशारदा चालीसा

॥ दोहा॥मूर्ति स्वयंभू शारदा,मैहर आन विराज।माला, पुस्तक, धारिणी,वीणा कर में साज॥॥ चौपाई ॥जय जय जय शारदा महारानी,आदि शक्ति तुम जग कल्याणी।रूप चतुर्भुज तुम्हरो माता,तीन लोक महं तुम विख्याता॥दो सहस्त्र वर्षहि…

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