तर्ज—अहसान तेरा होगा मुझपर,
दिल कहता है सो कहने दो—–.


बड़ी करूणा प्रभु होगी मुझपर,
जो तुम मुझको अपनाओगे—2
मुझे तुमसे लगन अब लग गयी है,
मुझे अपनी शरण में आने दो—2

अपना बनालो चाहें ठुकरादो,
आयेगें हम द्वार तिहारे—-2
गा-गा के कहेंगें हम तो प्रभु,
तुम अपनी शरण में ले लेना—-2
मुझे तुमसे लगन अब लग गयी है ,
मुझे अपनी शरण में आने दो—2
बड़ी करूणा प्रभु होगी मुझपर,
जो तुम मुझको अपनाओगे—2.

तुमने मुझको जीवन देकर,
सारा ये संसार दिया है–2
इस संसार में आके मैंने,
सारा जीवन खो ही दिया है—2
आ-आ के कहेगें दर पे तेरे,

तुम अपना दर्शन दे देना–2
मुझे तुमसे लगन अब लग गयी है ,
मुझे अपनी शरण में आने दो—2
बड़ी करूणा प्रभु होगी मुझपर,
जो तुम मुझको अपनाओगे—2.

चाहें बनादो,चाहे मिटा दो,
मर भी गये तो ,आयेंगें दर तेरे—2
ये गुण गायेगा जग सारा
जब सखी’ तुममें मिल जायेगी–2
उड़ उड़ के कहेगी खाक प्रभु…2
मुझे अपनी शरण में ले लेना..
मुझे तुमसे लगन अब लग गयी है
मुझे अपनी शरण में आने दो—2
बड़ी करूणा प्रभु होगी मुझपर,
जो तुम मुझको अपनाओगे—2

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